बांका : जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में तेज आंधी के बाद गड़बड़ाई विद्युत व्यवस्था करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी दुरूस्त नहीं हो सका है. करीब तीन दर्जन से भी अधिक गांव पिछले एक सप्ताह से अंधेरे में डूबे हुआ हैं. जबकि अभी भी जिले के विभिन्न प्रखंडों में दर्जनों खंभे […]
बांका : जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में तेज आंधी के बाद गड़बड़ाई विद्युत व्यवस्था करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी दुरूस्त नहीं हो सका है. करीब तीन दर्जन से भी अधिक गांव पिछले एक सप्ताह से अंधेरे में डूबे हुआ हैं. जबकि अभी भी जिले के विभिन्न प्रखंडों में दर्जनों खंभे टूटा पड़ा हुआ है. जो अभी तक ठीक नहीं किया जा सका है.
हालांकि शहरी क्षेत्र में अस्त व्यस्त लाईन को किसी तरह दुरूस्त कर लिया गया है, पर ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी विद्युत व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो सका है. जिले के रजौन प्रखंड, बाराहाट प्रखंड, फुल्लीडुमर, शंभुगंज प्रखंड क्षेत्र में पांच दर्जन से भी अधिक गांवों अभी भी अंधेरे में है. ग्रामीणों का कहना है कि तेज आंधी की वजह से 11 केवी लाइन के खंबे एवं 33 केवी के खंभे गिरने के साथ कई स्थानों पर तार टूट गया है.
बिजली विभाग में मिस्त्री का अभाव : बिजली विभाग के पास मिस्त्री का घोर अभाव होने के कारण लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड के क्षेत्र के सभी पीएसएस में दो से तीन बिजली मिस्त्री कार्यरत है. जिसके भरोसे पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोग है. बताया जा रहा है कि इसी के वजह से एक सप्ताह तक ग्रामीण क्षेत्र की बिजली व्यवस्था नहीं सुधर पा रहा है. गांव में बिजली नही होने की वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
जर्जर तार पोल के सहारे बिजली आपूर्ति : कई दशक बीत जाने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा जर्जर तार को बदला नहीं जा सका. जिससे आये दिन लो वोल्टेज, लोकल फाल्ट की समस्या आम हो गयी है. जानकारी के अनुसार शहरी व ग्रामीण इलाको में वर्षों पूराना जर्जर तार पोल पर बिजली आपूर्ति हो रही है. जिस कारण हल्की भी हवा चलने से इस क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई जगह पर तो जर्जर व लटकते तारों के सहारे बिजली अपूर्ति की जा रही है. जिससे आये दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. इसको लेकर कई बार ग्रामीणों ने बिजली विभाग के पदाधिकारी से मिलकर शिकायत भी किया है, लेकिन विभाग द्वारा तार नहीं बदला जा सका.
वहीं दूसरी ओर कटोरिया प्रतिनिधि के अनुसार कटोरिया थाना क्षेत्र के हड़हार पंचायत अंतर्गत बीचकौड़ी गांव निवासी कैलाश दास का घोड़ा आंधी में लापता हो गया है. घटना के करीब ग्यारह दिनों बाद भी लापता घोड़ा का कहीं पता नहीं चल पा रहा है. इससे कैलाश दास भूखमरी से जूझने को विवश हो गया है. चूंकि उसी घोड़े की मदद से वह टमटम चला कर अपने घर का खर्च वहन करता था. गत 16 मई को आयी आंधी में ही उसका घोड़ा गुम हो गया है. ग्रामीणों ने उसे बताया कि चांदन तक भटकते हुए घोड़ा को देखा गया है. शुक्रवार को उक्त घोड़े को दो बच्चों द्वारा बांका रोड ले जाते हुए भी कुछ लोगों ने देखा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
रजौन व शंभुगंज प्रखंडों में पोल व तार की क्षति हुई है. जिसे दुरूस्त किया जा रहा है. कई क्षेत्रों में इसे ठीक कर आपूर्ति चालू कर दी गयी है. सभी गांवों में बिजली आपूर्ति को जल्द ही चालू कर दिया जायेगा.
गौरव कुमार पांडेय, कार्यपालक अभियंता, बिजली विभाग, बांका