शंभुगंज : प्रखंड क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध तिलडीहा दुर्गा मंदिर परिसर में शनिवार को मोटरसाइकिल और पिकअप भेन की टक्कर के बाद भगदड़ मचने की घटना मंदिर प्रशासन की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है. बता दें कि इसी तिलडीहा दुर्गा मंदिर में वर्ष 2010 के दशहरा के नवमी पूजा की शाम बलि चढ़ाने के दौरान मची भगदड़ से 10 श्रद्धालुओं की दब कर मौत हो गयी थी. इस घटना को लेकर मंदिर के मेढ़पति सहित कई लोगों पर प्रशासन ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी.
प्राथमिकी के बाद कुछ दिन तक तो मंदिर प्रशासन ने सर्तकता बरती. लेकिन समय बीतने के साथ-साथ सब कुछ सामान्य हो गया. जिसका नतीजा है कि शनिवार को अनियंत्रण पिकअप भेन और मोटरसाईकिल की टक्कर से मंदिर परिसर में भगदड़ मच गया. जिससे आधा दर्जन श्रद्धालु जख्मी हो गये. गणिमत कहे की मंदिर परिसर में अन्य दिनों की अपेक्षा कम भीड़ थी. अन्यथा किसी अनहोनी की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.
स्थानीय लोगों की मानें तो मंदिर के मेढ़पति परिवार नई वाहनों को भीड़ के बीच मंदिर परिसर में प्रवेश कराकर पूजा के नाम पर मोटरसाईकिल से प्रति वाहन ढ़ाई सौ जबकि चार चक्के वाहनों से प्रति वाहन पांच सौ रूपया चढ़ावा के रूप में चंदा स्वरूप वसुलते हैं. इतना ही नहीं मेढ़पति परिवार के द्वारा मंदिर परिसर के मुख्य गेट के समीप श्रद्धालुओं के भीड़ के बीच गाड़ी के पार्किंग भी कराया जाता है. जहां प्रति मोटरसाईकिल से 20 रुपया और चार चक्के वाहनों से 50 रुपया की वसूली कराते हैं.