बांका : आर्टिफिसियल रंगों से बालों की खूबसूरती तो बढ़ाई जा सकती है. लेकिन इससे आगे खाद्य प्रदार्थ जैसी वस्तुओं को रंगों से रंग कर उसे खूबसूरत व ताजा तरीन बनाने के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिससे आम लोग जानलेवा बीमारी के गिरफ्त में आ रहे है. इसका […]
बांका : आर्टिफिसियल रंगों से बालों की खूबसूरती तो बढ़ाई जा सकती है. लेकिन इससे आगे खाद्य प्रदार्थ जैसी वस्तुओं को रंगों से रंग कर उसे खूबसूरत व ताजा तरीन बनाने के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिससे आम लोग जानलेवा बीमारी के गिरफ्त में आ रहे है. इसका रफ्तार काफी तेजी से बढ़ रहा है.
उधर आम लोग भलीभाती जान रहे है कि हरी सब्जियां रंगों से रंग कर बाजारों में बिक रही है. बावजूद इसके आम लोग हरी सब्जियां के साथ मीठा जहर का सेवन कर अपने स्वास्थ्य के प्रति बेपरवाह बने हुए है. मालूम हो कि घरों में प्रतिदिन व्यवहार किये जाने वाले खान-पान से जुड़े हरी-सब्जियां, फल, दाल आदि में काफी मिलावट हो हरी है. बाजार में सब्जी आदि की अच्छी कीमत लेने के लिए किसान से लेकर छोटे व्यापारी प्रतिदिन इन सब सामानों में रंग से लेकर केमिकल की मिलावट कर अपनी दुकान में सजाते है.
कहते हैं शहरवासी: शहरवासी मोनू सिंह, मुकेश कुमार, रोहित कुमार आदि ने बताया कि बाजार में परवल, करेला, भिंडी आदि देखने में तो एकदम ताजा लगता है. लेकिन घर जाकर हरा परवल को जब धोते है तो पानी में हरा रंग दिखने लगता है. इसके बाद जब सब्जी बनाने लगे तो पीला और कई दिनों की वासी निकलता है. वहीं अरहर, मसूर व मूंग दाल को जब धोया जाता है तो पानी उजला रंग का हो जाता है. वहीं सब्जी मसाला की बात करे तो कम हल्दी देने पर भी सब्जी पीली हो जाती है और सब्जी का स्वाद भी बदल जाता है.
हो सकते हैं इन बीमारियों का शिकार: मिलावट सामग्री का सेवन करने से आंख का रौशानी कम होना, ताकत क्षीण होना, डाईवटीज एवं लीवर व किडनी पर बुरा असर पड़ता है. जिस कारण लोग बहुत कम ही उम्र में कई बीमारी की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा जाते है.
कहते हैं चिकित्सक
हरी सब्जी के साथ कई सामानों में आये दिन काफी मिलावट देखी जा रही है. इन सब मिलावटी सामग्री का उपयोग करने से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. ज्यादातर लीवर, किडनी पेट आदि से जुड़ा बीमारी हो सकता है. इससे बचने के लिए लोगों को खरीदारी करने से पहले जांच करनी चाहिए तभी ताजा सामान को खरीदारी करना चाहिए.
डॉ अशोक कुमार सिंह, सदर अस्पताल चिकित्सक, बांका