बांका शहर की आबादी लगभग डेढ़ लाख है. इसके जिला बने डेढ़ दशक हो गये हैं. अभी भी शहरवासियों को म्ूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है.
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उदासीनता. डेढ़ दशक के बाद भी जिला मुख्यालय का नहीं हुआ है विकास
बांका शहर की आबादी लगभग डेढ़ लाख है. इसके जिला बने डेढ़ दशक हो गये हैं. अभी भी शहरवासियों को म्ूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है. बांका : शहर यानी आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस एक टोला जहां बुद्धिजीवियों का निवास होता है. जहां पढ़े और बड़े लोग दोनों निवास करते हैं पूंजीपतियों का जमावड़ा […]
बांका : शहर यानी आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस एक टोला जहां बुद्धिजीवियों का निवास होता है. जहां पढ़े और बड़े लोग दोनों निवास करते हैं पूंजीपतियों का जमावड़ा होता है यहां राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक का एक वर्ग होता है. बावजूद इसके एक शहर को एक अच्छा शौचालय से जूझना पड़ रहा है.
शहर से अस्पताल भी चला गया दूर: बांका मुख्यालय की आवादी करीब डेढ लाख के आस-पास होगी. यहां पर कई रईस से लेकर नामी राजनेता रहते है. यह जिला मुख्यालय है. इसको जिला बने डेढ़ दशक से ज्यादा हो गये है लेकिन अगर इसके विकास की बात करें तो कुछ खास नहीं है. अनुमंडल रहते हुए यह जिला जितना विकास किया था उसमें से अगर कुछ नया हुआ है तो सिर्फ एक रेल लाइन बांका पहुंची है और शहर से अस्पताल शहर के दूर चला गया है.
काफी जद्दोजेहद के बाद यहां पर पुलिसकर्मियों के रहने के लिए आवास यानी पुलिस केंद्र का निर्माण हुआ है लेकिन आज भी जिलाधिकारी डॉक बंगले में रहते है और एसपी पीडब्लूडी के सहारे है. जिला बनने के बाद गरीबों के लिए बना रैन बसेरा भी गरीबों को नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे में अगर विकास का डंका अगर कोई पीटता है तो यह अपने आप में शर्मनाक है.
विशेष स्थिति में होती है समस्या: शहर में आम जनो, आगन्तुकों, मुसाफिरों, यात्रियों को शौच के लिए परेशानी होती है. सुलभ शौचालय के नाम पर यहां की व्यवस्था नगण्य है. नगर पंचायत से लेकर पीएचईडी विभाग पर उदासीनता की वजह से ही यहां पर एक डीलक्स शौचालय तक नहीं है. शहर को सुसज्जित करने के लिए महीनों में जिला प्रशासन द्वारा कई एक बैठक आहुत की जाती है. शहर को सुलभ शौचालय देने के लिए ना तो जनप्रतिनिधियों और नहीं तो जिला प्रशासन की ओर से ही कोई ठोस पहल की जा रही है. अगर शौचालय का निर्माण कर दिया गया तो आने वाले समय में शहर में पहुंचने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी.
कई राजनेताओं की रही है यह भूमि
यह जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि यह संसदीय क्षेत्र का भी मुख्यालय है. यहां से कई सांसद लोकसभा पहुंचे है. इसके अलावे यहीं से कई विधायक भी ऐसे हुए है जो मंत्री तक रह चुके है लेकिन जिला मुख्यालय के विकास को लेकर किसी ने नहीं सोचा है. हालांकि जिस वक्त वर्तमान विधायक राम नारायण मंडल नीतीश सरकार में मंत्री थे उस वक्त उन्होंने अपने विभाग से दुग्ध शीतक केंद्र और सदर अस्पताल का निर्माण कराया था. लेकिन अनुमंडल अस्पताल के बंद हो जाने से शहर वासियों को काफी परेशानी होने लगी. कई वार स्वास्थ्य विभाग के मंत्री ने अनुमंडल अस्पताल के पुन: चालू होने की घोषणा कर चुके है लेकिन वह आज भी बंद है.
कहते हैं नगर पंचायत के अधिकारी
शौचालय निर्माण हेतु विभागीय कार्रवाई की गयी है. जैसे ही विभागीय स्वीकृति मिलेगी शौचालय का निर्माण करा दिया जायेगा.
बी के तरुण, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, बांका
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