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अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की फेज वन कार्य में आयी तेजी

बांका : बांका-कटोरिया मुख्य मार्ग में ककबारा के समीप अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट से 2020 तक बिजली के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र प्रायोजित इस योजना के लिए बांका और कटोरिया प्रखंड की लगभग 2500 एकड़ जमीन सरकार अधिग्रहित करेगी. करीब चार हजार मेगावाट उत्पादन करने वाली यह पावर प्लांट 2000 मेगावाट बिहार […]

बांका : बांका-कटोरिया मुख्य मार्ग में ककबारा के समीप अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट से 2020 तक बिजली के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र प्रायोजित इस योजना के लिए बांका और कटोरिया प्रखंड की लगभग 2500 एकड़ जमीन सरकार अधिग्रहित करेगी. करीब चार हजार मेगावाट उत्पादन करने वाली यह पावर प्लांट 2000 मेगावाट बिहार सरकार, 1000 मेगावाट झारखंड सरकार, 600 मेगावाट उत्तर प्रदेश एवं 400 मेगावाट कर्नाटक सरकार को बिजली मुहैया करायेगी.

पावर प्लांट को झारखंड राज्य के पिरपैंती (बाराहाट) से इंडियन कोल ब्लॉक की ग्रेड एफ श्रेणी का कोयला उपलब्ध कराया जायेगा जो परियोजना स्थल तक रेलवे लाइन बिछाकर मंगायी जायेगी. पावर प्लांट को सुल्तानगंज गंगा नदी से सलाना 120 क्यूसेक पानी की आवश्यकता होगी जो पाइप लाइन द्वारा प्लांट तक लाया जायेगा. केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए करीब 900 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.

बांका में चल रहा हैं सर्वेक्षण का कार्य. इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार ने करीब आधा दर्जन से अधिक अधिकारी स्तर पर एवं कई दर्जन सर्वेक्षण की टीम को बांका में नियुक्त किया है. परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण, पानी के लिए पाइप लाइन बिछाने, परियोजना स्थल तक कोयला लाने आदि कार्य के लिए विभिन्न स्तरों पर सर्वेक्षण की टीम कार्यरत है. हालांकि यहां के सभी कार्य अभी प्रारंभिक स्तर पर है शीघ्र ही सर्वेक्षण टीम के रिपोर्ट के आधार पर राशि मुहैया करा दी जायेगी.
तीन दर्जन से अधिक मौजा की भूमि का होगा अधिग्रहण . परियोजना स्थल पर बांका -ककबारा करंजा, दौना मौजा व कटोरिया के महोलियाडीह, गुटबरिया, बसंतपुर, नंदीराय, पपरेवा, गाड़बोरण, कदरागोड़ा, मेड़ा, तिलवारी, मनियां, धानबरण, सिहुलिया व पोढ़यानी सहित इसके आस-पास के विभिन्न मौजा की जमीन को चिन्हित किया गया है. जहां सर्वे की टीम जमीन की स्थिति में नहर, तलाब, अप व लो भूमि, वन विभाग की जमीन, पहाड़ी क्षेत्र, हरा वृक्ष, आवासीय परिसर, सरकारी भवन, बिजली संचरण हेतु तार की रूट आदि का सर्वे कर रही है. सर्वे टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण की राशि भेजी जायेगी.
बांका बनेगा उद्योग का हब . बांका एक दिन विभिन्न उद्योगों का हब बनेगा. पहले से ही यहां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बॉटलिंग प्लांट की शुरूआत हो चुकी है. अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट परियोजना के शुरू होने के साथ ही बांका को पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध होगी. जिससे यहां कई बड़े – बड़े उद्योग लगेंगे. बांका उद्योग जगत के नक्शे पर आ जायेगा जिससे शहर की सूरत व सीरत में बड़ा तब्दीली होगा. बिजली की उपलब्धता देख कई बड़े उद्योगघरानों ने बांका में उद्योग लगाने का मन बनाया है. इसके लिए उद्योगपतियों की कई टीम अभी से ही बांका में अपने उद्योग की स्थापना के लिए जमीन की तलाश कर रहे हैं.
बांकावासी को मिलेगा रोजगार .
इस उद्योग की स्थापना की सूचना मात्र से ही बांका के बेरोजगार नवयुवकों में उत्साह की लहर है. पावर प्लांट द्वारा विस्थापितों को व्यापक स्तर पर नौकरी मिलेगी, पावर प्लांट क्षेत्र में अस्पताल, विद्यालय, विस्थापितों को मकान, उद्योग से संबंधित तकनीकी संस्थान, खेल स्टेडियम, ऑडिटोरियम रिहायसी मकान, उन्नत बाजार आदि की सुविधा बहाल होगी. बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. समान्य सा दिखने वाला शहर हाईटेक शहर बन जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी . अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर बागेश कुमार ने बताया कि पावर प्लांट का निर्माण कार्य प्रारंभिक स्तर पर शुरू हो चुकी है. शीघ्र ही प्लांट अस्तित्व में दिखेगा. इस साल के अंत तक सभी स्तर के सर्वेयर टीम की रिपोर्ट सरकार को भेज दी जायेगी. स्थानीय लोगों को व्यापक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

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