बांका में पावर प्लांट योजना की आंख मिचौनी का खेल जारी
बांका की जमीन पावर प्लांट के लिए धनी
पांच साल में दो पावर प्लांट का काम अधूरा
जिले में फिर नयी योजना की उम्मीद जगी
संजीव सिंह, बांका: बांका में पावर प्लांट की योजनाएं पिछले पांच सालों से लगातार आ रही है. यहां के लोग उम्मीद की नयी सुबह का इंतजार कर रहे हैं. मगर पिछले कुछ सालों को देखा जाये तो जिले में पवार प्लांट के खुलने की योजना का उदय-अस्त जारी है. ताजा घोषणा से जिले वासियों को हर्ष के साथ-साथ टीस भी है. अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट के ककवारा में खुलने की सरकारी घोषणा से गांव व आसपास के लोगों में हर्ष है. वहीं बौंसी के अभिजीत पावर प्लांट के कोल आवंटन प्रकरण में नाम आने से प्रोजेक्ट की सफलता पर ही प्रश्नचिह्न् लग गयी है. बौंसीवासी निराश भरे शब्दों में कहते हैं कि क्या पांच साल पहले मिली हर्ष का यही हश्र होगा.
सीन एक: क्या हुआ हश्र
बांका के बौंसी बंधुआ कुरावा के सीरिया में पांच साल पहले करीब 2640 मेगा वाट क्षमतावाली पावर प्लांट खोले जाने को लेकर जोर-शोर से कार्य आरंभ हुआ. स्थानीय नेताओं ने भी खूब दिलचस्पी दिखायी. बंजर भूमि के अधिग्रहण का काम भी आरंभ हुआ. जमीन के भाव अचानक सातवें आसमान पर पहुंच गया. लोग सुनहरे भविष्य के सपने सजाते हुए पास के जमीन की भी उंचे दाम में खरीदारी के लिए दौड़ लगाने लगे. इधर पावर प्लांट के भू-अधिग्रहण में यहां के सफेदपोश राजनेता ने भी अपनी गहरी रुचि दिखायी. जमीन के अधिग्रहण में अनियमितता को लेकर हंगामा भी होता रहा. जिसके लिए कई बार आंदोलन भी हुए. मगर कोई बाधा भी खड़ी नहीं हो रही थी. सैंकड़ों एक्सपर्ट कर्मी की फौज ने काम को गति दी. लोगों के सपने उड़ान भरने लगे थे. कुछ विवादित जमीन के अधिग्रहण को लेकर काला खेल भी खेला गया. फिर भी कंपनी के निर्माण कार्य को कोई अंतर नहीं पड़ा. मगर जस इंफ्रास्ट्रक्चर के अभिजीत पावर प्लांट का नाम कोल ब्लॉक आवंटन प्रकरण में आने के साथ ही इस पर ग्रहण के बादल मंडराने लगे. काम रूकने लगा. स्टाफ को वेतन मिलने में असुविधा हो गयी. 58 कर्मी को एक मुश्त निकाल दिया गया. कंपनी का हालत अच्छी नहीं बतायी गयी. मामला जनता दरबार तक पहुंचा मगर कोई सुधार नहीं हुआ. जिससे इसके सफलता के हश्र पर ही लोग सवाल उठा रहे हैं.
कहते है बौंसी वासी
पूर्व विधायक भोला प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार चुनाव आने पर एक घोषणा कर अपनी पीठ थपथपा लेती है. इस बात को जनता भी समझ रही है. जिसका जवाब जनता देगी. राजीव कुमार ने कहा कि आखिर कब तक सब्ज बाग दिखा कर भरोसा को लूटा जायेगा. गोपाल साह ने कहा कि कोई तो बताये कि आखिर बौंसी के उजाले को किसकी नजर लगी है. प्रमुख कल्पना भारती, समाज सेवी निपू पांडे, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष ब्रजेश मिश्र, श्वेता साह ने एक स्वर में कहा कि एक योजना बौंसी में पूरी नहीं हुई है, और सरकार ने जिले के ककवारा में अल्ट्रा पावर प्लांट की घोषणा कर दी. जिससे लोग अब इन घोषणाओं पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं. कहते है कि क्या बौंसी के योजना का सवेरा हो पायेगा.
सीन: दो ककवारा में हर्ष
ककवारा के लोग इस बात को जान काफी खुश हैं कि उनके गांव के पास पावर प्लांट की योजना को हरी झंडी मिल गयी है. बता दें कि पिछले साल अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की टीम ने कटोरिया से सटे जमीन का मुआयना किया था. जिसमें तभी के एडीएम व भू अजर्न पदाधिकारी ने टीम को मदद भी की थी. छह सदस्य वाले टीम के प्रमुख ने कहा कि यहां एवं गया के रजाैली में सरकार ने जमीन देखने की बात कही है. जिसके बाद दोनों जगह के जमीन को देखने के बाद ही बांका ने बाजी मारी है. इस मायने में बांका की जमीन धनी है.
सीन: तीन
जहां यह योजना को हरी झंडी मिली है उसी के पास प्रभावती नगर में एरिसन पावर प्लांट ने भी जमीन लेने का काम आरंभ कर दिया है. जिसके भी चार साल पूरे होने पर काम की गती मंथर हो गयी है. अब यह देखना है कि यह प्रोजेक्ट कितने उजाले की तसवीर को पेश कर पायेगा.
कहते हैं आयुक्त
आयुक्त मिनहाज आलम ने कहा कि अभिजीत पावर प्लांट के काम ठंडा पड़ने की जानकारी है. जिसे ले वो अब तक की गतिविधि की जांच करेंगे. इधर अल्ट्रा पावर प्लांट के लिए प्रशासन की ओर से मांगी गयी सहयोग पर वो हर संभव मदद को तैयार हैं.