बांका की प्रतिभा जायेगी जापान – रेल दुर्घटना से बचने के लिए तैयार किया है प्रोजेक्ट.बांका: प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता, लाख छुपाने के बाद भी प्रतिभा निखरती है. और उसके रौशनी से सारा जग रौशन होता है. कुछ ऐसा ही वाक्या बांका जिले के धोरैया प्रखंड अंतर्गत सगुनिया गांव के छात्र मो. असलम ने कर दिखाया है. साइंस फोर सोसाइटी के समन्वयक अमन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दो माह पूर्व राष्ट्रीय इंसापायर अवार्डस में शिरकत करने के बाद उक्त छात्र का चयन अंतरराष्ट्रीय इंसपायर अवार्डस के लिए हुआ है. जो आगामी 17 से 23 अप्रैल 2016 एवं 8 से 14 मई 2016 को जाने वाले ग्रुप के द्वारा जापान में अपनी प्रस्तुति देगा. ज्ञात हो कि रेलवे क्रासिंग के दरव्यान आये दिन देश भर में दुघर्टनाएं होते रहती है. इससे सबक लेते हुए मो. असलम ने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाय जिससे दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाये. जिसको देखते उक्त छात्र ने एक ऐसा आइडिया को पेश किया. जिससे आये दिन रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाले रेलवे घटनाओं पर लगाम लग सके. उक्त छात्र ने ऑटोमेटिक ट्रेन बैरियर का नमूना पेश किया. वही इस पायदान तक पहुंचने में साइंस फॉर सोसाइटी के राज्य उपाध्यक्ष डा. एसकेपी सिन्हा, जिला समन्वयक अमन कुमार एवं दीपक कुमार की अहम भूमिका है. उक्त छात्र को जापान जाने आने का सभी खर्च भारत सरकार वहन करेगी. छात्र के द्वारा सिर्फ अपना पासपोर्ट बनवाना होगा. कैसे काम करेगा ऑटोमेटिक बैरियर: यह बैरियर रेलवे ट्रैक में लगे सेंसर के द्वारा काम करेंगी. जिसका मुख्य काम होगा. रेलवे क्रॉसिंग से तीन किलोमीटर पहले यह सेंसर रेलवे क्रॉसिंग के समीप लगे लाल बत्ती जलने लगेगी एवं एलार्म बजने लगेगा. साथ ही जब ट्रेन रेलवे क्रॉसिंग से 8 सौ मीटर पीछे रहेगी तब रेलवे क्रॉसिंग का गेट ऑटोमेटिक बंद होने लगेगा. वही जब ट्रेन रेलवे क्रॉसिंग 8 सौ मीटर आगे निकल चुकी होगी तो रेलवे क्रॉसिंग का गेट ऑटोमेटिक खुलने लगेगा. जिससे रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाले दुघर्टनाओं की संभावना समाप्त हो जायेगी. क्या कहते चयनित छात्र: पांचवां एनएलईपीसी इंसपायर अवार्ड में चयन होने के बाद मो. असलम ने बताया कि आये दिन अखबारों में पढ़ा करते थे कि रेलवे क्रॉसिंग के दौरान हासदा होती है. जिसको लेकर मेरे मन में एक विचार आया कि कैसे इन हादसों को रोका जाय. इस पर चिंतन करते कुछ दिनों पश्चात एक आइडिया मेरे मन में इजाद हुआ फिर मैंने इसके लिए प्रयास किया और उसका रिजल्ट आज हमारे सामने हैं. छात्र ने बताया कि मेरे दिली इच्छा है कि कुछ ऐसा करे जिससे हमारे छोटे से कसबे व जिले की पहचान देश विदेशों में हो. क्या है छात्र की स्थिति: मालूम हो कि उक्त छात्र जिले के धोरैया प्रखंड के सगुनिया गांव के एक छोटे से कसबे का रहने वाला है जिसका पिता मो. इशहाक किसान हैं. जो किसी प्रकार खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते हैं. दो भाईयों में मो. अलसल बड़ा है. उच्च विद्यालय बटसार से दशवीं शिक्षा की उत्तीर्ण कर वर्तमान में एसडीएमवाय कॉलेज धोरैया में 11वीं प्रथम वर्ष का छात्र है. वही इनके पिता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका बेटा शुरु से ही गांव में अलग कुछ करने की सोच रखता था.
बांका की प्रतिभा जायेगी जापान
बांका की प्रतिभा जायेगी जापान – रेल दुर्घटना से बचने के लिए तैयार किया है प्रोजेक्ट.बांका: प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता, लाख छुपाने के बाद भी प्रतिभा निखरती है. और उसके रौशनी से सारा जग रौशन होता है. कुछ ऐसा ही वाक्या बांका जिले के धोरैया प्रखंड अंतर्गत सगुनिया गांव के छात्र मो. असलम […]
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