अमरपुर : ज्ञान की भूमि बिहार में भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. भगवान बुद्ध के शिष्या विशाखा ने भदरिया गांव में कालांतर में पैर रखा था. उस जगह पर भगवान बुद्ध के चरण की स्थापना की गयी. मालूम हो कि 24 नवंबर 2014 को भी इसी गांव में जापान के बौद्ध भिक्षु ने बोधि वृक्ष भी लगाया था.
लेकिन रविवार को जापान के आर्य भन्ते केनिन इतो ने भदरिया गांव में भगवान बुद्ध का चरण की स्थापना की. साथ ही विशाखा फाउण्डेशन की तरफ से यहां पर योग व स्वास्थ्य केंद्र खोलने की दिशा में पहल होगी. इससे ग्रामीणों में खुशी है.
मौके पर डॉ अजीत कुमार पाठक, लखन लाल पाठक, अविनाश पाठक, कृष्ण गोपाल पाठक, सरपंच गणेश भगत, पूर्व मुखिया राजीव भगत, साहित्यकार परमानंद प्रेमी, शिव कुमार दास, विजय किशोर पाठक, दिनकर मिश्र, राजीव पाठक सहित ग्रामीण मौजूद थे. 2500 वर्ष पूर्व हुआ था आगमनकहा जाता है कि भगवान बुद्ध पहले वैशाली उसके बाद भदरिया पहुंचे थे. उनके साथ 1250 भिक्षुओं का एक संघ भी था.
उस समय विशाखा ने पांच सौ कन्याओं के साथ भगवान बुद्ध का सत्कार किया. उस समय विशाखा की उम्र मात्र सात साल थी. विशाखा की मां की नाम सुमना व पिता का नाम बुद्धचर्या था. भगवान बुद्ध जब तक भदरिया में रहे तब तक मेएडक व गृहपति ने ही संघ का खर्च चलाया. बुद्ध के उपदेशों को सुन मेएडक व उनका परिवार बुद्ध के उपासक हो गये.
विशाखा भी बुद्ध की शरण में थी. मालूम हो कि 2500 वर्ष पूर्व भदरिया में मेडक राजा थे. उसी समय इस गांव में गौतम बुद्ध का चरण पड़े थे.