रंगोली बनाना आज भले ही घर की सुंदरता को बढ़ाने का एक जरिया हो, लेकिन गुजरे वक्त में खुशियों के स्वागत के लिए घर के दरवाजे पर या आंगन में इसे प्राकृतिक फूलों एवं रंगों से बनाया जाता था. वक्त बदला तो तरीका भी बदला है. आज रंगोली बनाने में बालू, फूल, चावल से लेकर अबीर का सहारा लिया जाता है. यही नहीं, बाजार में कागज या प्लास्टिक की बनी-बनायी रंगोली भी मौजूद है. आइए जानते हैं रंगोली की वैराइटिज और इसे बनाने के बारे में.
बांका. धनतेरस पर सुख समृद्धि की कामना के लिए आज जमकर खरीदारी होने वाली है. बाजार में जगह- जगह बरतना, कपड़े, सोना, चांदी, मोटरसाइकिल, मोबाइल सहित अन्य दुकानों को खास तरह से सजाया गया है. कई जगह ऑफर है. जिसमें दास पेट्रोल पंप, शिवम डालय, जय गुरु ऑटोमोबाइल, राधिका सेल्स वसम्राट ट्रेर्डस मुख्य है. जानकारी के अनुसार सोने चांदी के सिक्के, बरतन, एलसीडी टीवी, फ्रिज,मिक्सी, चुल्हा,आयरन आदि की ब्रिकी से दुकानदार करोड़ों के कारोबार का अनुमान लगा रहे है. वहीं कुछ दुकानदार इस बात को लेकर निराश दिखे कि महीने के पहली तारीख होने के कारण सैलेरी वाले लोग को सैलेरी नहीं मिल पायेगी, वे अपनी खरीदारी का ग्राफ छोटा कर सकते है, या फिर उधार का सौदा साबित होगा. वहीं किसानों के घर धान तैयार नहीं होने से धनतेरस के फिका होने के आसार बढ़े है.