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श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी मां को विदाई

हर्षोल्लास के साथ हजारों लोग हुए शरीक नि:संतान महिलाओं ने पोखर में किया स्नान बौंसी:कुड़रों दुर्गा मंदिर में परंपरागत रूप से बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन किये. सैकड़ों पाठा की बलि देर शाम तक दिया जाता रहा. उसके बाद महिलाओं द्वारा खोइचा दिया गया. वहीं शाम में माता की अंतिम दर्शन […]

हर्षोल्लास के साथ हजारों लोग हुए शरीक

नि:संतान महिलाओं ने पोखर में किया स्नान

बौंसी:कुड़रों दुर्गा मंदिर में परंपरागत रूप से बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन किये. सैकड़ों पाठा की बलि देर शाम तक दिया जाता रहा. उसके बाद महिलाओं द्वारा खोइचा दिया गया. वहीं शाम में माता की अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही थी. उसके बाद घड़ी घंट और गाजे बाजे के साथ माता की जय कारे लगते रहे. आयोजन समिति के लोगों द्वारा माता के प्रतिमा को कांधे पर लेकर मलैया पोखर में जाकर विसजिर्त किया गया. विसजर्न में हजारों महिला और पुरुष सरीक हुए. प्रतिमा को शांतिपूर्वक विसजर्न कराने के लिए आयोजन समिति के राम प्रकाश यादव, बमबम पांडे, विष्णु मरीक, चंद्र शेखर सिन्हा, बबलू झा, राकेश यादव सहित अन्य लोग सक्रिय रूप से शामिल थे. दिन भर आयोजित मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. समिति के लोगों ने कहा कि माता का विसजर्न परंपरा के अनुसार ही हुआ. एकादशी को विसजर्न की बात अनहोनी की आशंका थी. सहयोग के लिए प्रशासन को भी धन्यवाद दिया.

बताया गया कि यहां नि:संतान मताओं को मलैया पोखर में मूर्ति विसजर्न के बाद आस्था का स्नान करने से संतान सूख की प्राप्ति होती है. अनेकों महिलाओं ने पोखर में स्नान किया. माता की मंिहमा अपरंपार है यहां 2021 तक पूजा कराने के लिए पहले से बुकिंग हो चुकी है. जानकारी के अनुसार प्रशासनिक स्तर से मंगलवार की रात्रि विसजर्न के लिए दबाव बनाया गया. लेकिन पूजा समिति के चाहने पर भी ग्रामीणों के विरोध के आगे एक न चली. गांव के लोग प्रत्येक वर्ष की भांति द्वादशी को विसजर्न के पक्षधर रहे. ग्रामीणों का कहना था कि दैविक प्रकोप का दंश हम ङोल नहीं सकते.

इस तरह जिला पुलिस प्रशासन ने चेतावनी भी दी कि 15 अक्तूबर को विसजर्न नहीं किया जाता है तो पूजा समिति सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी जायेगी. कुड़रो शक्ति पीठ दुर्गा प्रतिमा का विसजर्न बुधवार की रात्रि की गयी.

वहीं युवा नाट्य कला परिषद कुड़रो के सदस्यों ने प्रत्येक वर्ष की भांति 15-16 अक्तूबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें विनोद कुमार पांडेय, आचार्य ओमप्रकाश मिश्र के साथ ओंकार नाथ बंटी अनोज मिश्र, विनय झा, नंदन यादव एवं आलोक झा का कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य भूमिका रही. बता दें कि त्रयोदशी को विसजिर्त होने वाले साढ़ामोड़ दुर्गा मंदिर की प्रतिमा का विसजर्न मंगलवार को ही रात्रि में पुलिस बल द्वारा करा दिया गया. सुबह आसपास के गांव के लोगों ने सुना तो काफी आक्रोश जताया है. पिछले तीन दिनों से हो रही वर्षा के कारण आसपास गांव के अधिकांश लोग देवी दर्शन से वंचित रहे. भगेश्वरी मंदिर में भी प्रतिमा बुधवार सुबह विसजिर्त की गयी. पथरिया दुर्गा मंदिर के प्रतिमा का साज सज्जा अष्टमी पूजा को ही धू-धू कर जलने लगी. काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया जा सका है. इस घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

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