इससे साफ प्रतीत होता है कि जिले के प्राय: सभी डैमों में सिलटेशन (गाद) जमा हो गया है. डैम की जो गहराई पूर्व के वर्षो में थी उसमें से ज्यादा कि कमी आयी है. इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व के वर्षो में जब बारिश लगातार सात से दस दिनों तक होती थी तब जाकर डैम का जल स्तर 500 सौ के लेवल पर पहुंचता था और उसके बाद डैम से पानी स्पील करना शुरू होता था. यह स्थिति जिले के प्राय: सभी डैमों की है. जिससे अब बांका के लोगों को हमेशा लगता है कि यदि मूसलधार बारिश दो से तीन दिन हुआ तो नदियों में बाढ़ आ जायेगा और बाढ़ की वजह से किसी प्रकार की बढ़ी घटना शहर में घट सकती है.
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बांका के सभी डैमों में गाद जमा होने के कारण, कम बारिश में ही भर जाता है डैम
बांका: विगत दो दिन से हो रही बारिश रविवार को थम गयी. इससे आम लोगों व किसानों ने राहत की सांस ली. मौसम विभाग की सूचना के अनुसार रविवार को भी बारिश होने की संभावना थी लेकिन बारिश नहीं हुई. विगत 26 एवं 27 जून 2015 को क्रमश: 77.2 एवं 70. 4 वर्ष बांका जिले […]
बांका: विगत दो दिन से हो रही बारिश रविवार को थम गयी. इससे आम लोगों व किसानों ने राहत की सांस ली. मौसम विभाग की सूचना के अनुसार रविवार को भी बारिश होने की संभावना थी लेकिन बारिश नहीं हुई. विगत 26 एवं 27 जून 2015 को क्रमश: 77.2 एवं 70. 4 वर्ष बांका जिले में हुई थी. इससे जिले के लक्ष्मीपुर, बदुआ, ओढ़नी, सरकट्टा, विलासी, अम्हारा, कोझी, मध्यगिरी सहित लगभग दर्जन भर डैमों का जल स्तर बढ़ गया. बांका शहर चांदन व ओढ़नी नदी के बीच में बसा है. शहर पूर्व में चांदन नदी एवं पंश्चीम में ओढ़नी नदी बहती है.
चांदन नदी में लक्ष्मीपुर (चांदन) डैम से पानी आता है एवं ओढ़नी नदी में पानी ओढ़नी डैम से आता है. डैम के जल स्तर की जानकारी देते गेज रीडर ने बताया कि दो दिन के बारिश से लक्ष्मीपुर डैम का जल स्तर 480 पर रविवार शाम तक पहुंचा है. थोड़ी और बारिश होती है तो डैम का जल स्तर 500 सौ के लेवल पर पहुंच जायेगा और डैम लबालब भर जायेगा. इसके बाद एक इंच भी पानी डैम में बढ़ता है तो डैम से पानी स्पील करना शुरू कर देगा.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
इस संबंध में बौंसी सिंचाई प्रमंडल बौंसी के कार्यपालक अभियंता रवींद्र चौधरी ने बताया कि चांदन (लक्ष्मीपुर) डैम में गाद जमा हो गया है. इसकी लिखित सूचना विभाग को दे दी गयी है. इस पर विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए करीब एक माह पूर्व कोलकाता से चांदन डैम में सिलटेशन की जांच करने के लिए जांच दल बौंसी स्थित सिंचाई प्रमंडल पहुंच कर डैम में जमे गादों का सर्वे करके गयी है. विभाग से यदि डैम की सफाई के लिए आवंटन प्राप्त होता है तो डैम में जमे गादों को अगले वर्ष ही निकाला जा सकेगा क्योंकि बारिश के कारण डैम में पानी लगभग भर चुका है. वर्तमान में डैम की गहराई पानी का लेवल पांच सौ पर पहुंचेगा तो डैम बीचों-बीच मात्र 75 फीट पानी होगा, जो कि पूर्व के वर्षो से काफी कम गहराई है. यही कारण है कि इतनी कम बारिश के बावजूद डैम का जल स्तर इतना बढ़ा है.
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