बांका: जिले में कम बारिश होने के कारण धान की फसल प्रभावित हुई है. खाली पड़े खेतों में वैकल्पिक फसल लगा कर किसानों की समस्या दूर करने की योजना सरकार द्वारा बनायी गयी है. इसके तहत जिला कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा द्वारा वैकल्पिक फसलों की खेती हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सोमवार को नगर भवन में किया गया. इसका उदघाटन जिलाधिकारी बी कार्तिकेय व जिप अध्यक्ष श्वेता कुमारी ने संयुक्त रुप से किया. प्रशिक्षण में सभी प्रखंडों से आये हुए किसानों को वैकल्पिक फसल के रुप में वैज्ञानिकों द्वारा अरहर, तोरीया, सरसों एवं कुरथी की खेती करने की जानकारी दी गयी. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएम श्री कार्तिकेय ने कहा कि जिले में सुखाड़ की स्थिति गंभीर हो रही है. उन्होंने कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश की खेती सही ढंग से हुई है. उसके बाद वर्षा की स्थिति अच्छी नहीं है जिससे धान के फसल को बचाना मुश्किल हो गया है. हमारी प्राथमिकता है कि लगे हुए फसल को बचाया जाय. डीजल अनुदान की राशि में कोई कमी नहीं है. सरकार ने डीजल अनुदान की राशि बढ़ा कर 4.5 करोड़ रुपये कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसान डीजल अनुदान की राशि लेकर अपने फसल को बचाने की कोशिश करें. सरकार को खेती की रिपोर्ट दी जायेगी. साथ ही उन्होंने बोरवेल सब्सिडी फिर से लागू करने का प्रयास किया जायेगा. जिप अध्यक्ष श्वेता कुमारी ने जिले को सुखाड़ ग्रस्त सूची में जगह नहीं मिलने पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि जिले में सिंचाई की स्थायी व्यवस्था की जरूरत है. कड़ी धूप के कारण सिंचाई संसाधन के पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है. जिससे लोगों को पेय जल में कठिनाई हो रही है. उन्होंने डीएम से समस्या का निदान करने की बात कही. वर्षा के अभाव में धन रोपनी प्रभावित हुई है. वैकल्पिक फसल लगाने के तरीके सीख कर खेती करने की बात किसानों से की. डीडीसी रमेश कुमार रंजन ने कहा कि कहा कि वैकल्पिक फसल लगाकर सुखाड़ से निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा उक्त फसल की बिक्री कर लाभ उठा सकते हैं.
कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने धन रोपनी की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि जिले में खेती प्रभावित हुई है. जिससे निपटने के लिए वैकल्पिक फसल का सहारा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि विभाग किसानों को हर संभव मदद करेगी. वहीं बिहार कृषि विद्यालय सबौर के वरीय वैज्ञानिक डॉ श्रीनिवास राय ने किसानों को अरहर, तोरिया व कुलथी की खेती करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इन फसल का उत्पादन करने से लाभ ही लाभ है. उक्त विद्यालय के मुख्य वैज्ञानिक सुशील कुमार पाठक द्वारा तोरिया, मधुमक्खी पालन की विस्तृत जानकारी दी गयी. केवीके बांका के कार्यक्रम समन्वयक डॉ विपुल कुमार मंडल ने खरीफ फसल में लगने वाले रोग व बचाव के तरीके बताये. कार्यक्रम के दौरान शंभुगंज के किसानों ने डीएम से डीजल अनुदान की राशि नहीं मिलने की शिकायत की. जिसके बाद डीएम बी कार्तिकेय ने संबंधित बीएओ से राशि जल्द वितरित करने का आदेश दिया. अंत में जिला आत्मा निदेशक अरविंद झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर आत्मा उपनिदेशक रामचंद्र यादव, पशुपालन पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी आभास मंडल, सभी बीएओ, लेखा पाल सुजीत वत्स व काफी संख्या में महिला व पुरुष किसान उपस्थित थे.