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बाल विकास परियोजना की लापरवाही से पोषण पुर्नवास केंद्र का बुरा हाल

फोटो: 13 बांका :16 पोषण पुर्नवास केंद्र की तस्वीर – कुपोषित बच्चों की उपस्थिति नहीं होती है पूरी.-आशा व सेविका को कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर केंद्र तक पहुंचाने का दिया गया है कार्य.प्रतिनिधि, बांकाजिले के विभिन्न प्रखंडों से कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए केंद्र तक लाने का जिम्मा आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका को […]

फोटो: 13 बांका :16 पोषण पुर्नवास केंद्र की तस्वीर – कुपोषित बच्चों की उपस्थिति नहीं होती है पूरी.-आशा व सेविका को कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर केंद्र तक पहुंचाने का दिया गया है कार्य.प्रतिनिधि, बांकाजिले के विभिन्न प्रखंडों से कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए केंद्र तक लाने का जिम्मा आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका को सौंपा गया है. अगर इस कार्य में लापरवाही नहीं बरती जाती तो बेलहर प्रखंड क्षेत्र के कुपोषित बच्चे की मृत्यु शायद नहीं होती. एक बच्चे की मौत के बाद ही आशा द्वारा उसी मां के दूसरे बच्चे के इलाज के लिए केंद्र पर लाया गया, जिसका इलाज किया जा रहा है. मालूम हो कि आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता को इस कार्य को पूरा करने कहा गया है. ये अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों जो कुपोषित हैं उसे चिह्नित कर केंद्र पर लाने कहा गया है. इस संबंध में सीएस डा जीतेद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को को हिदायत दी गयी है कि वे अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए केंद्र तक पहंुचायें इस कार्य में कोताही बरती गयी तो कार्रवाई की जायेगी. एनआरसी निदेशक आरके सिन्हा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कुपोषित बच्चों के इलाज केंद्र पर किया जाता है बच्चे को चिह्नित करने का काम आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका का है. इनके द्वारा ही इस बीमारी के शिकार बच्चे को केंद्र पर लाया जाता है.

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