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नहीं होती है विद्यालय की जांच शिक्षक करते हैं मनमानी

बौंसी: सरकार जहां एक तरफ शिक्षा गुणवत्ता में सुधारने के लिए तमाम प्रयास कर रही है और अक्षम शिक्षकों को हटाने की कवायद भी कर रही है. इसके वावजूद बौंसी प्रखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही के चलते सर्वशिक्षा अभियान का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. इसका ताजा […]

बौंसी: सरकार जहां एक तरफ शिक्षा गुणवत्ता में सुधारने के लिए तमाम प्रयास कर रही है और अक्षम शिक्षकों को हटाने की कवायद भी कर रही है. इसके वावजूद बौंसी प्रखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही के चलते सर्वशिक्षा अभियान का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को नवसृजित प्राथमिक विद्यालय रानी में देखने को मिला.

विद्यालय खुलने का वक्त सरकार ने नौ बजे निर्धारित कर रखा है, लेकिन 10 बजकर 25 मिनट तक विद्यालय में शिक्षक नहीं आए थे. जबकि बच्चे पहुंच चुके थे व विद्यालय कक्ष में सोए हुए थे और कुछ बच्चे बाहर खेल रहे थे. हालांकि, विद्यालय की रसोईया अपने निर्धारित समय पर आकर मध्याह्न् भोजन बनाने में जुटी हुई थी.

मालूम हो कि विद्यालय में प्रधानाध्यापिका शैल कुमारी सिंहा के अलावे अन्य दो शिक्षक भी हैं, लेकिन मंगलवार को लगभग साढ़े दस बजे तक विद्यालय कोई नहीं पहुंचे थे. ग्रामीण सुनील यादव, रामप्रवेश सिंह, हलधर सिंह सहित अन्य ने बताया कि प्राय: विद्यायल अपने निर्धारित समय पर नहीं खुलता है. सूत्रों की मानें तो प्रखंड के ऐसे दर्जनों विद्यालय हैं जो समय पर नहीं खुलते जिनकी विभागीय जांच की जरूरत है. अगर इन विद्यालयों की नियमित जांच हो तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण श्क्षिा के साथ – साथ अच्छा भोजन भी मिल पायेगा. इस वावत विद्यालय की प्रधानाध्यापिका से बात की गयी तो उन्होंने धमकी भरे स्वर में कहा जो लिखना है लिख दिजिए साथ ही सीआरसी के मीटींग में मौजुद रहने के कारण अनुपस्थित रहने की बात बतायी. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि विद्यालय की जांच की जायेगी. दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.

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