बेलहर: प्रखंड अंतर्गत राजपुर पंचायत स्थित पंडित ताराचरण झा संस्कृत उच्च विद्यालय राजपुर, प्रखंड का एक मात्र संस्कृत विद्यालय है जो पूरी तरह बदहाली का दंश ङोल रहा है. इस विद्यालय में शिक्षकों की संख्या कुल आधा दर्जन है, जो 18 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन उठा रहे हैं, लेकिन पढ़ाई का नामो निशान […]
बेलहर: प्रखंड अंतर्गत राजपुर पंचायत स्थित पंडित ताराचरण झा संस्कृत उच्च विद्यालय राजपुर, प्रखंड का एक मात्र संस्कृत विद्यालय है जो पूरी तरह बदहाली का दंश ङोल रहा है. इस विद्यालय में शिक्षकों की संख्या कुल आधा दर्जन है, जो 18 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन उठा रहे हैं, लेकिन पढ़ाई का नामो निशान नहीं है़.
सोमवार को 11 बजे दिन में विद्यालय में ताला बंद पड़ा हुआ था़ लगभग साढ़े ग्यारह बजे एक सहायक शिक्षक विवेकानंद मिश्र विद्यालय पहुंचे, लेकिन विद्यालय का ताला बंद पड़े होने के कारण वह भी घंटों तक बाहर खड़े रह़े उसके बाद विद्यालय का ताला खुला, लेकिन एक भी छात्र उपस्थित नहीं थ़े छात्र विद्यालय आये भी तो क्यों जब शिक्षक ही साढ़े ग्यारह बजे आ रहे है़ं जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुरलीधर मिश्र से फोन से विद्यालय की स्थिति के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि माध्यमिक संस्कृत बोर्ड परीक्षा के कॉपी मूल्याकंन में सभी शिक्षक को लगाया गया है़ विद्यालय के कक्षा नवम में 23 छात्र-छात्रा, दशम में 12 छात्र-छात्र नामांकित हैं.
विद्यालय की स्थिति का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में मात्र चार छात्र को साइकिल राशि दिया गया है तथा एक छात्र को देना है़ छात्रों की उपस्थिति का पड़ताल करने पर उपस्थित शिक्षक ने स्पष्ट तौर पर बताया कि कम से कम 65 प्रतिशत उपस्थिति पूर्ण करने वाले छात्राओं को ही साइकिल राशि वितरित की गयी है. इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब कुल 35 छात्रों में से कुल 5 साइकिल राशि पाने के हकदार हैं तो शेष 30 छात्र-छात्रएं विद्यालय बिल्कुल ही नहीं आते हैं.
स्थानीय लोगों का मानना है कि शिक्षक विद्यालय को बचाये रखने के लिए कुछ छात्रों की उपस्थिति बिना विद्यालय आये ही बना देते है़ं विद्यालय में चार कमरा एवं बरामदा खपड़ैल का है़ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जो छात्र कुछ भी पढ़ने नहीं जानते हैं और पढ़ना नहीं चाहता है, लेकिन उसे डिग्री की आवश्यकता है वैसे ही छात्र इसमें नामांकन कराते हैं और शिक्षक भी वैसे ही छात्र को खोज कर खानापूर्ति करा लेते हैं.
कहते हैं डीइओ : जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय कुमार ने कहा कि संस्कृत विद्यालय की बदहाली की जानकारी है. अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी.