चांदन. बाल विकास परियोजना निदेशालय पटना के सौजन्य से बाल कुपोषण मुक्त बिहार बनाने के उद्देश्य से शनिवार को कला जत्था की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक के जरिये महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी. महिला पर्यवेक्षिका रानी पिंकी की देख-रेख में टीम के कलाकारों ने प्रोन्नत मध्य विद्यालय कोरिया, प्रोन्नत मध्य विद्यालय लठाने एवं प्रोन्नत मध्य विद्यालय भोंड़ा बाजार में लघु नाटक ‘दिल तो बच्चा है जी’ के माध्यम से बच्चों को कुपोषण से बचाने हेतु कई जानकारियां दी. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्रामीणों को बताया गया कि बच्चों का वजन घटना, पेट निकलना, शरीर दुबला होना, भूख नहीं लगना आदि कुपोषित बच्चे का लक्षण हैं. कुपोषण से बचाने हेतु जन्म के छह माह बाद तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध देना चाहिए. गर्भवती माताओं को भी पौष्टिक आहार लेनी चाहिए. कुपोषण से बच्चे की जान जा सकती है.
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नाटक के जरिये दी कुपोषण से बचाव की जानकारी
चांदन. बाल विकास परियोजना निदेशालय पटना के सौजन्य से बाल कुपोषण मुक्त बिहार बनाने के उद्देश्य से शनिवार को कला जत्था की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक के जरिये महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी. महिला पर्यवेक्षिका रानी पिंकी की देख-रेख में टीम के कलाकारों ने प्रोन्नत मध्य विद्यालय कोरिया, प्रोन्नत मध्य विद्यालय लठाने एवं प्रोन्नत मध्य विद्यालय […]
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