बौंसी : भागलपुर-दुमका पैसेंजर से सफर कर रहे यात्रियों को सोमवार को अजीबो-गरीब परेशानी का सामना करना पड़ा. एक मालगाड़ी का इंजन फेल होने पर इस सवारी गाड़ी को मंदारहिल स्टेशन पर ही रोक दिया गया और इसके इंजन को मालगाड़ी से जोड़ उसे दुमका रवाना कर दिया गया. इस दौरान मंदारहिल स्टेशन पर 4:50 घंटे तक यात्रियों से भरी यह ट्रेन खड़ी रही. रेलवे की इस घाेर लापरवाही का खामियाजा ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को भुगतना पड़ा और इस दौरान वे भूखे-प्यासे बिलखते रहे. लगभग 10:50 बजे मंदारहिल स्टेशन से सवारी गाड़ी हंसडीहा के लिए रवाना हुई, तब जाकर यात्रियों ने राहत की सांसें ली. बताया जाता है
कि, बिहार-झारखंड सीमावर्ती रेलमार्ग पर डांडे हॉल्ट पर रविवार रात करीब दो बजे पंजाब से भागलपुर होकर मालगाड़ी डांड़े हॉल्ट पहुंची, तो इसका इंजन फेल हो गया. मालगाड़ी को दुमका तक पहुंचने के लिए इंजन की जरूरत थी. सुबह दुमका पैसेंजर आने के इंतजार में यह लगभग चार घंटे हॉल्ट पर खड़ी रही. इस बीच ग्रामीणों ने मालगाड़ी को रुकी हुई देखी तो एफसीआइ की 22 बोरी चावल गायब कर दिया. हालांकि, वैगन से चावल की बोगियां जब ग्रामीणों द्वारा उतरी जा रही थी, तो चालक और गार्ड ने मना किया. लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. सूचना मिलते ही रेलवे महकमे में खलबली मच गयी. आरपीएफ की टीम ने सर्च अभियान चलाया. बहियार में छापेमारी की. कुछ बोरियां झाड़ियों में छिपाकर रखा गया था. वहीं, कुछ गांव के पास बरामद किया गया. गायब बोरियां बरामद होने के बाद आरपीएफ ने राहत की सांस ली. आरपीएफ ने बरामद चावल की बोरियां लेकर भागलपुर ले आयी. इस मामले में आरपीएफ ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बता दें कि वैगन में लोड चावल की बोरियां दुमका में अनलोडिंग होना था.
मंदारहिल स्टेशन पर इंजन लौटने के इंतजार में भटकते रहे यात्री, 10:50 मिनट पर यहां से खुली ट्रेन
सोमवार को ऑफिस नहीं जा सके कई यात्री
ट्रेन पर दुमका के राकेश कुमार, हंसडीहा के रोहित के अलावा अन्य यात्रियों ने बताया कि उन लोगों के द्वारा जब इस संबंध में स्टेशन पर मौजूद कर्मियों से बात की गयी तो बताया गया कि जल्द ही ट्रेन आगे के लिए रवाना होगी, लेकिन ज्यों-ज्यों समय बीतता गया ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी रही. इस दौरान ट्रेन पर मौजूद सैकड़ों यात्रियों को कई परेशानियों का सामान करना पड़ा. खास यह भी कि इस मंदारहिल स्टेशन पर यात्री को पानी तक नसीब नहीं हो रहा था. ट्रेन यात्री भूखे-प्यासे तिलमिला उठे. बच्चों, वृद्ध और महिलाओं का बुरा हाल हो गया था. कई यात्रियों का जरूरी काम तो कइयों का ऑफिस भी छूट गया. लेकिन इसकी परवाह रेलवे प्रशासन को नहीं रही. हालांकि दुमका से ट्रेन का इंजन वापस लौटने के बाद करीब 10:50 बजे मंदारहिल स्टेशन से ट्रेन हंसडीहा के लिए रवाना हुई. जबकि इस ट्रेन को हंसडीहा से मंदारहिल स्टेशन वापसी का समय 11:15 बजे है.
यात्रियों को बरगलाते रहे रेलवे कर्मी
ट्रेन में दुमका के राकेश कुमार, हंसडीहा के रोहित के अलावा अन्य यात्रियों ने बताया कि उन लोगों के द्वारा जब इस संबंध में स्टेशन पर मौजूद कर्मियों से बात की गयी तो बताया गया कि, जल्द ही ट्रेन रवाना होगी, लेकिन ज्यों-ज्यों समय बीतता गया ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी रही. इस दौरान ट्रेन पर मौजूद सैकड़ों यात्रियों को कई परेशानियों का सामान करना पड़ा.
रेलवे अधिकारियों की दलील
रेलवे अधिकारी ने दलील दी है कि मालगाड़ी का इंजन फेल नहीं हुआ था, बल्कि चढ़ाव के कारण उसका इंजन खींच नहीं पा रहा था. सपोर्टिंग के लिए दुमका सवारी गाड़ी के इंजन लगाया गया. चढ़ाव जब पार कर गया और ढलान आया तो इंजन लौट आया और सवारी गाड़ी को रवाना कर दी गयी.
कहते हैं स्टेशन मास्टर
स्टेशन मास्टर राजेश सिन्हा का कहना रहा कि मालगाड़ी दो बजे रात में ही ट्रैक पर झारखंड डांडे हॉल्ट के पास खड़ी थी. सुबह छह बजे पैसेंजर ट्रेन के आने के बाद इसके इंजन को खोलकर मालगाड़ी को आगे बढ़ाया गया, फिर इंजन को वापस लाकर सवारी गाड़ी में लगाया गया और मंदारहिल स्टेशन से सवारी गाड़ी रवाना हुई.