बांका : धान अधिप्राप्ति का समय बिल्कुल करीब है. सहकारिता विभाग तय लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. इस बार गैर रैयत कृषक की इंट्री ने संभावनाओं को पंख लगा दिया है. रैयती किसानों से अधिक बटाईदार धान अधिप्राप्ति को लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, यह सराहनीय है. धान […]
बांका : धान अधिप्राप्ति का समय बिल्कुल करीब है. सहकारिता विभाग तय लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. इस बार गैर रैयत कृषक की इंट्री ने संभावनाओं को पंख लगा दिया है. रैयती किसानों से अधिक बटाईदार धान अधिप्राप्ति को लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, यह सराहनीय है.
धान अधिप्राप्ति के लिए प्रतिदिन दर्ज हो रहे ऑनलाइन आवेदन के आंकड़ों पर गौर करें तो बटाईदार के सामने रैयती किसान बहुत पीछे हैं. आंकड़े के मुताबिक गैर रैयत किसानों का 2373 आवेदन स्वीकृत चुके हैं, जबकि रैयत किसानों की संख्या अबतक 1902 के आसपास ही अटकी हुई है. इस आंकड़े ने यह साबित कर दिया है कि जिले में रैयत कृषक की खेती बटाईदार किसान की बुनियाद पर ही टिकी हुई है. दरअसल, जमींदारी प्रथा के वक्त से ही बटाईदार किसान ज्यादातर रैयत किसान की खेती कर रहे हैं. यह प्रथा आज भी यहां कायम है.
धान अधिप्राप्ति 2017-18 में भाग लेने वाले कृषक
व गैर कृषक के स्वीकृत आवेदन
प्रखंड रैयत कृषक गैर रैयत कृषक
अमरपुर 168 612
शंभुगंज 329 360
रजौन 200 321
बांका 309 198
कटोरिया 230 91
चांदन 106 91
धोरैया 76 49
फुल्लीडुमर 105 245
बाराहाट 145 161
बेलहर 148 18
बौंसी 86 227
धान अधिप्राप्ति की ऑनलाइन पंजीयन जारी है. गैर रैयत कृषक का धान अधिप्राप्ति को लेकर जागरूकता सुखद है. धान अधिप्राप्ति में रैयत कृषक व गैर रैयत कृषक को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए विभाग संकल्पित है. पंजीयन की संख्या में वृद्धि की अभी अपार संभावनाएं हैं.
संजय मंडल, डीसीओ, बांका
98000 हेक्टेयर उत्पादन पर है विभाग की नजर
धान अधिप्राप्ति को गति देने के लिए डीएम कुंदन कुमार ने उत्पादन की क्षमता का अवलोकन कर जमीनी तैयारी का निर्देश दिया था. साथ ही कृषि विभाग से पंचायतवार धान उत्पादन से संबंधित आंकड़े की मांग की थी. जिससे इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि फलां पंचायत में कितनी मात्रा में धान का उत्पादन होता है, ताकि संबंधित पैक्स उसी प्रकार से अपनी तैयारी शुरू कर दे. कृषि विभाग ने पंचायतवार आंकड़ा तैयार कर लिया है. अब उसी अनुरूप इसकी खरीद की जायेगी.
कृषि विभाग की तैयार रिपोर्ट के मुताबिक 98 हजार हेक्टेयर में धान की खेती शत प्रतिशत हुई है. इससे करीब चार लाख 32 हजार 370 मीट्रिक टन उत्पादन की संभावनाएं जतायी जा रही है. यह तो कृषि विभाग का आंकड़ा बोल रहा है, इसके अलावा भी प्रचुर मात्रा में धान का उत्पादन होता है.