जुलाई 2014 में रिकार्ड 422.3 मिमी हुई थी बारिश
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मौसम की बेरुखी से चिंतित हैं किसान
जुलाई 2014 में रिकार्ड 422.3 मिमी हुई थी बारिश जुलाई 2017 में 373.6 मिमी के आसपास रहा वर्षापात बांका : जुलाई 2014 में बारिश की माया जमकर बरसी थी. 2014 के जुलाई में रिकार्डतोड़ 422.3 मिली मीटर बारिश आंकी गई थी. अबकी जुलाई में हो रही अंधाधुंध बारिश से कयास लगाया जा रहा था कि […]
जुलाई 2017 में 373.6 मिमी के आसपास रहा वर्षापात
बांका : जुलाई 2014 में बारिश की माया जमकर बरसी थी. 2014 के जुलाई में रिकार्डतोड़ 422.3 मिली मीटर बारिश आंकी गई थी. अबकी जुलाई में हो रही अंधाधुंध बारिश से कयास लगाया जा रहा था कि इस बार 2014 का रिकार्ड टूट जाएगा. परंतु ऐन वक्त पर मेघा की छटा छंट गई और जुलाई माह में 373.6 मिमी पर बारिश रुक गयी. कृषि विभाग ने 2009 से बारिश का आंकड़ा तैयार किया है. वर्ष 2014 को छोड़कर अन्य वर्षों की तुलना 2017 से करें तो यहां बारिश बेहतर हुई है.
परंतु एक अगस्त को तेज धूप के साथ मौसम की बेरुखी से किसानों के चेहरे पर चिंतारुपी लकीर साफ देखी जा रही है. किसानों का कहना है कि विभाग का आंकड़ा और जमीनी हकीकत में तुलना है. एकाएक बारिश के थमने से धनरोपनी प्रभावित हो सकती है. हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो अभी बारिश की प्रबल संभावनाएं बनी हुई है. किसान को अभी भी 15 दिन और धनरोपनी का समय है.
56.88 फीसदी धान अच्छादित : विभागी आंकड़े के मुताबिक जिले भर में 55542.27 हेक्टेयर खेत में धनरोपनी हो चुकी है. यानि अबतक 56.88 फीसदी धान का अच्छादन पूरा हो चुका है. जबकि 2017 में पूर्व वर्ष की भांति 98000 हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अन्य फसलों पर भी किसान ध्यान केन्द्रित कर इसके अच्छादन पर जुटे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक बाराहाट में सबसे अधिक 70 फीसदी धान की रोपाई हो चुकी है. जबकि सबसे कम फुल्लीडुमर में 49 फीसदी अबतक धान की खेती हो पाई है. कमोबेश ऐसी ही स्थिति बेलहर व धोरैया की भी है. इन क्षेत्रों के किसानों का कहना है कि पानी की कमी यहां प्रत्येक वर्ष धनखेती को प्रभावित करती है. लिहाजा, विभाग को ऐसे क्षेत्रों के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरुरत है.
विगत नौ वर्ष के जुलाई माह के वर्षापात की स्थिति
2010- 148 मिमी
2011- 146 मिमी
2012- 277.1 मिमी
2013-126.4 मिमी
2014- 422.3 मिमी
2015- 237.6 मिमी
2016- 207.6 मिमी
2017- 373.6 मिमी
जिले में बेहतर बारिश हुई है. खेती के लिए पर्याप्त है. विपरित स्थिति पर डीजल अनुदान का लाभ नियमानुसार किसानों को दिया जाएगा.
सुदामा महतो, जिला कृषि पदाधिकारी, बांका
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