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आंदोलन के मूड में लोग

औरंगाबाद सदर : दिन ब दिन गहराते पेयजल संकट से शहरवासियों की परेशानी बढ़ती जा रही है. पानी ढो-ढो कर थक चुके लोग अपनी आवश्यक जरूरत के लिए कुछ भी करने को तैयार है,तभी तो सरकारी विभाग को शिकायत कर ऊब चुके लोग अब आंदोलन के मूड में आ गये हैं, जिसकी शुरुआत बुधवार से […]

औरंगाबाद सदर : दिन ब दिन गहराते पेयजल संकट से शहरवासियों की परेशानी बढ़ती जा रही है. पानी ढो-ढो कर थक चुके लोग अपनी आवश्यक जरूरत के लिए कुछ भी करने को तैयार है,तभी तो सरकारी विभाग को शिकायत कर ऊब चुके लोग अब आंदोलन के मूड में आ गये हैं, जिसकी शुरुआत बुधवार से हस्ताक्षर अभियान चलाकर की गयी.

शहर के कुछ युवाओं ने प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक करते हुए पेयजल समस्या पर गंभीरता से चर्चा की, फिर लोगों के पेयजल समस्या को लेकर डीएम व संबंधित विभाग को शिकायत किये जाने की बातें कहीं. लेकिन, पेयजल व्यवस्था को ठीक नहीं होते देख लोगों ने हस्ताक्षर अभियान से पुन: जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का निर्णय लिया. इस अभियान के पहले दिन युवाओं ने घर-घर जाकर पेयजल समस्या पर लोगों से बात की और उनके हस्ताक्षर लिये.

हस्ताक्षर अभियान में शामिल युवा सचिन सिन्हा, सौरभ कुमार, चंदन कुमार,अंकित कुमार ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत विराटपुर मुहल्ले से की गयी है. हर मुहल्ले में जाकर लोगों के हस्ताक्षर लिये जायेंगे. शहर के लगभग एक दर्जन मुहल्ले पेयजल संकट से बुरी तरह प्रभावित है,लेकिन इस पर संबंधित पीएचइडी कुछ नहीं कर रहा, जिसके कारण सैकड़ों घर बूंद -बूंद पानी के लिये तरस रहे है. युवाओं ने यह भी बताया कि यह अभियान एक सप्ताह तक लगातार चलाया जायेगा,फिर इसकी प्रति जिला प्रशासन को सौंपी जायेगी. इससे बात नहीं बनी, तो आगे शहरवासी आंदोलन के लिये बाध्य होंगे.

युवाओं ने अपने हाथ में खाली बाल्टी और मग लेकर मुहल्ले-मुहल्ले घूमे. नगर पर्षद से मिली जानकारी के अनुसार, नगर पर्षद के सभी वार्डों में 262 चापाकल लगे हैं, जिनमें अब तक मात्र 42 की मरम्मती हो सकी है. हालांकि, विभाग के आंकड़े के अनुसार, वर्तमान में मात्र 33 चापाकल ही वार्ड में खराब पड़े हैं, लेकिन इन युवाओं की माने तो वार्डों में घुम -घुम कर निरीक्षण करने पर पाया गया कि 33 नहीं बल्कि 100 से ऊपर चापाकल खराब स्थिति में है और जिन चापाकलों की मरम्मती की गयी वह भी ठीक तरीके से एक दिन भी नहीं चल सका.

अधिकांश चापाकलों ने अपना लेयर छोड़ चुका है,जिसके कारण या तो वो गंदा पानी दे रहा है या फिर बंद पड़ा है. वहीं पीएचइडी विभाग से जिला प्रशासन को सौंपी गयी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि शहर में चार टयूबवेल लगे है,जिनमें से दो खराब है और दो की मरम्मती करा कर लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. पीएचइडी विभाग के अनुसार लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाले इस शहर को वे मात्र 150 घर में टयूबवेल से पानी उपलब्ध करा पा रहे है.

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