संस्कृत उच्च विद्यालय विषयवार नहीं हैं शिक्षक विद्यालय में संसाधनों का है अभाव वर्ग एक से 10वीं तक की होती है पढ़ाई ज्यादातर अल्पसंख्यक वर्ग के हैं बच्चे (फोटो नंबर-12) कैप्शन- विद्यालय में पढ़ते अल्पसंख्यक छात्राएं औरंगाबाद (नगर) शहर के मदरसा रोड स्थित मदरसा इसलामिया के समीप स्थित संस्कृत उच्च विद्यालय में सुविधाओं का घोर अभाव है. संसाधनों व शिक्षकों की कमी से यहां के छात्र-छात्राएं काफी चिंतित हैं. वर्ष 1902 में जिस उद्देश्य के साथ इस विद्यालय को खोला गया था. धीरे-धीरे इस विद्यालय में संसाधनों का अभाव होता गया. इस विद्यालय पर न तो अधिकारियों का ध्यान है और न ही जन प्रतिनिधियों का. इस विद्यालय के मुख्य द्वार पर दुकान बना दी गयी है. इससे पता ही नहीं चलता है कि यहां पर कोई विद्यालय है. विद्यालय जाने के लिए दुकान की गली से होकर जाना पड़ता है. हालांकि इस विद्यालय का मैदान बड़ा है, पर विभाग द्वारा अनदेखी करने से यहां समस्याओं का अभाव है. जिस तरह से विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है उसके मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण भी काफी परेशानी हो रही है. संस्कृत विद्यालय जिले में एक मात्र विद्यालय है. इस विद्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के भी बच्चे पढ़ाई करते हैं. इस विद्यालय में वर्ग एक से 10वीं तक के छात्र-छात्राएं की पढ़ाई होती हैं. लेकिन, देखरेख के अभाव में आज विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. यहां न तो विषयवार शिक्षक है और न ही भवन. पुराने भवनों की जर्जरता और शिक्षकों की कमी शिक्षा विभाग की प्रमुख दावों पर भी सवाल खड़ा करती है. प्रधानाध्यापक सूर्यपत सिंह बताते हैं कि इस विद्यालय में वर्ग एक से 10वीं तक के सैकड़ों छात्र-छात्राएं नामांकित है. ज्यादातर मुसलिम बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं. वे लोग भी स्वेच्छा से संस्कृत की पढ़ाई करते हैं. यहां सुविधाओं के अभाव होने के कारण छात्र-छात्रांए नामांकन कराने से हिचकते हैं. प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस विद्यालय को शिक्षा विभाग द्वारा अनदेखी किया जाता है. इस विद्यालय के बच्चों को अब तक मध्याह्न भोजन का लाभ नहीं मिला है. अधिकारियों के पास कई बार मध्याह्न भोजन चालू कराने के लिए आवेदन दिया. लेकिन, एमडीएम प्रभारी की लापरवाही के कारण आज तक इस विद्यालय में इसका लाभ नहीं मिला. प्राचार्य ने बताया कि इस विद्यालय में लगभग सात सौ से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. लेकिन, उसके मुताबिक शिक्षकों की संख्या काफी कम हैं. इससे पठन-पाठन में छात्रों को परेशानी होती है. विद्यालय का पुराना भवन काफी जर्जर हो गया है. नये भवन बनाने के लिए आज तक किसी द्वारा पहल नहीं की गयी.
BREAKING NEWS
Advertisement
संस्कृत उच्च वद्यिालय विषयवार नहीं हैं शक्षिक
संस्कृत उच्च विद्यालय विषयवार नहीं हैं शिक्षक विद्यालय में संसाधनों का है अभाव वर्ग एक से 10वीं तक की होती है पढ़ाई ज्यादातर अल्पसंख्यक वर्ग के हैं बच्चे (फोटो नंबर-12) कैप्शन- विद्यालय में पढ़ते अल्पसंख्यक छात्राएं औरंगाबाद (नगर) शहर के मदरसा रोड स्थित मदरसा इसलामिया के समीप स्थित संस्कृत उच्च विद्यालय में सुविधाओं का घोर […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement