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अधिकारी काम में नहीं लेते रुचि

औरंगाबाद (नगर): योजना भवन के सभागार में शनिवार को बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री सह औरंगाबाद भाजपा विधायक रामाधार सिंह ने सदर अनुमंडल अनुश्रवण समिति की बैठक विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों के साथ की. बैठक के दौरान विधायक सह अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष ने विभागवार सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. […]

औरंगाबाद (नगर): योजना भवन के सभागार में शनिवार को बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री सह औरंगाबाद भाजपा विधायक रामाधार सिंह ने सदर अनुमंडल अनुश्रवण समिति की बैठक विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों के साथ की. बैठक के दौरान विधायक सह अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष ने विभागवार सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की.

समीक्षा के क्रम में विधायक ने अधिकारियों के कामकाज से नाराज होकर जमकर क्लास लगायी. इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए नगर विकास में पैसा पड़ा हुआ है. लेकिन, पदाधिकारी विकास करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. यदि काम व विकास करना पदाधिकारी चाहते तो पैसे रखे नहीं रहते. उन्होंने कहा कि बैठक में दिये गये निर्देशों का अनुपालन यदि पदाधिकारी नहीं करते हैं तो 15 मई से समाहरणालय के समीप अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे.

सदर अनुमंडल के अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि इस जिले में धान खरीदारी में बड़े पैमाने पर पदाधिकारियों द्वारा अनियमितता बरती गयी है. इसकी जांच के लिए कमेटी बनायी गयी है, जिसमें एडीएम सुरेश प्रसाद साह को अध्यक्ष, एसडीओ भीम प्रसाद, डीएओ शैलेंद्र ओझा को इस कमेटी में शामिल किया गया है. बिजली विभाग के पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो 16 व 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर खराब पड़ा हुआ है, उसे अविलंब बदलना सुनिश्चित करें. बिजली विहीन टोलों में बिजली पहुंचाएं. केंद्र सरकार की सोच है कि दो घर के टोले में भी बिजली पहुंचेगी.

विधायक ने एसडीओ को निर्देश हुए कहा कि सदर प्रखंड के बड़वां में जो क्रय केंद्र खोला गया था. उसे अविलंब सील करते हुए कागजात को जब्त करें, क्योंकि यहां पर क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा कागज पर धान की खरीदारी की गयी है. जिले की हालात यह है कि मिलर चाहे क्यों न घटिया चावल दें, उसे भी पदाधिकारियों द्वारा रिसीव कर लिया जाता है. कोई जांच नहीं होती है. क्योंकि, प्रति ट्रक 45 सौ रुपये लिये जाते है. यही नहीं 15 राइस मिल ऐसे हैं, जिसपर सरकार का पैसा बकाया है, लेकिन नाम बदल दिया गया है और उसे फिर धान दे दिया गया है. यही कारण है कि विभाग ने बिहार राज्य खाद्य निगम के प्रबंधक को निलंबित किया है. क्योंकि, उन्होंने जानकी राइस मिल जो बंद है, उसे धान देने का काम किया था. यदि पदाधिकारी गलत कार्य से बाज नहीं आते हैं तो हम किसी को बख्शने वाले नहीं है, बल्कि सभी के ऊपर कार्रवाई की जायेगी. बैठक में अपर समाहर्ता सुरेश प्रसाद साह, डीआरडीए डायरेक्टर विजय कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी रामप्रवेश सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र ओझा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी रामअनुग्रह सिंह सहित सभी विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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