औरंगाबाद (नगर) : सिविल कोर्ट के तदर्थ अपर व जिला सत्र न्यायाधीश चतुर्थ दीनानाथ पांडेय की अदालत ने मां-बेटा की हत्या के मामले में पति सुमोद कुमार सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी है. साथ ही पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान रखा है. अपर लोक अभियोजक मो इरशाद ने बताया कि वर्ष 2007 में टंडवा थाना क्षेत्र के मेहिया गांव में विवाहिता ममता कुमारी की हत्या दहेज के लिए ससुराल वालों ने कर दिया था. साथ ही शव को ठिकाना लगा दिया था.
इस घटना से संबंधित प्राथमिकी मृतका के पिता जगदीश सिंह, निवासी नकाइन, थाना बारुण के बयान पर 6 अगस्त, 2007 को टंडवा थाना पुलिस पदाधिकारी के आदेश पर दर्ज हुआ था. जगदीश सिंह ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया था, जिसमें कहा था कि मेरी बेटी व नाती को दहेज में टीवी, मोटरसाइकिल, गाय व औरंगाबाद शहर दो कट्ठा जमीन नहीं देने के कारण की गयी है.
जब थाना पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पहुंचा, तो थानाध्यक्ष प्राथमिकी लेने से इनकार कर थे. इस पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश 4 अगस्त, 2007 को दिया था. जिस पर टंडवा थाना कांड संख्या 38/07 के रूप में दर्ज हुई थी.
ममता की शादी 31 मई, 2004 को मेहिया गांव निवासी सुमोद सिंह से हुई थी. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद धारा 304 बी में दोषी पाते हुए उम्र कैद, पांच हजार जुर्माना, नहीं देने पर तीन वर्ष. वही धारा 201 में उम्रकैद, पांच हजार रुपया जुर्माना, नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा सुनायी है.