औरंगाबाद सदर : शहर बरसात के मौसम में झील में तब्दील हो जाता है. जलजमाव की समस्या से शहर की हालत नारकीय हो जाती है. शहर में कुल 33 वार्ड हैं जिनमें से 30 वार्डों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है. हर वर्ष बरसात के दिनों में कई मोहल्ले पानी में डूबे रहते हैं. कई मोहल्ले तो ऐसे हैं जहां बरसात के तीन-चार महीनों तक लगातार पानी जमा रहता है.
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नगर पर्षद की क्विक रिस्पांस टीम शहर को डूबने से बचायेगी
औरंगाबाद सदर : शहर बरसात के मौसम में झील में तब्दील हो जाता है. जलजमाव की समस्या से शहर की हालत नारकीय हो जाती है. शहर में कुल 33 वार्ड हैं जिनमें से 30 वार्डों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है. हर वर्ष बरसात के दिनों में कई मोहल्ले पानी में डूबे रहते हैं. […]
इस दौरान लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है. इस समस्या से निबटने को लेकर नगर परिषद ने क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया है. यह क्यूआरटी टीम बरसात में शहर के अंदर होने वाले जलजमाव के समस्याओं से लोगों को निजात दिलाएगी.
इस क्यूआरटी टीम में नगर परिषद के कर्मचारी व सफाई कर्मी होंगे. इस टीम का मॉनीटरिंग नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ अमित कुमार करेंगे. कार्यपालक पदाधिकारी डॉ अमित ने बताया कि टीम का गठन कर लिया गया है. यह टीम पूरी तरह से समस्या से निबटने के लिए तैयार है. शहर में जहां भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न होगी और जैसे ही लोग इसकी सूचना देंगे तुरंत क्यूआरटी के सदस्य जेसीबी मशीन सहित सभी सफाई उपकरणों के साथ वहां पहुंच कर और जलजमाव की समस्या का समाधान करेंगे.
नाला उड़ाही में जुटा नगर परिषद
इस बार नगर परिषद का दावा है कि शहर में जल जमाव की समस्या से निबटने के लिए काफी तैयारी की गयी है. नगर परिषद अप्रैल माह से ही लगभग सभी जगह नालियों की उड़ाही का कार्य करवा रहा है. ताकि नाली में पानी बहने में बाधा उत्पन्न ना हो सके. नगर परिषद औरंगाबाद के कार्यपालन पदाधिकारी डॉ अमित कुमार ने बताया कि नालियों से सिल्ट और कीचड़ को निकाल कर उसे हटा कर अन्यंत्र जगह पर भेजा जा रहा है. जिससे कि इस बार बरसात में जल जमाव की समस्या से निपटा जा सके. उन्होंने बताया कि वे इसके लिए मास्टर प्लान के तहत कार्य कर रहे हैं.
कई वार्डों में नहीं हुई नालों की सफाई
वार्ड संख्या 31 के निवासी रवि कुमार रवि बताते हैं कि औरंगाबाद जिले की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव है. अदरी नदी के किनारे बसे सभी वार्डों की कमोबेश यही स्थिति है. इसके अलावा नेशनल हाईवे दो के पास के मुहल्ले यमुना नगर, टिकरी मोहल्ला, शाहपुर, क्षत्रिय नगर आदि ऐसे दर्जनों मोहल्ले हैं जहां बरसात शुरू होने से लेकर बरसात समाप्त होने तक जल जमाव की समस्या स्थायी रूप से बनी रहती है. रवि ने बताया कि उनके वार्ड और आसपास के किसी भी वार्ड में नाली की उड़ाही की कार्य नहीं हुआ है. जिससे बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या निश्चित ही बनेगी.
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