बिना वेतन भुगतान किये हटाये जाने का विरोध
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पीएचईडी कार्यालय में किया हंगामा
बिना वेतन भुगतान किये हटाये जाने का विरोध हटाये गये कर्मचारियों ने कहा- 30-40 वर्ष किया काम, अब कहां जायेंगे औरंगाबाद शहर : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में कार्यरत आठ दैनिक मजदूरों को हटाये जाने के खिलाफ बुधवार को कार्यालय में जम कर हंगामा हुआ. हटाये गये कर्मियों ने कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में जम […]
हटाये गये कर्मचारियों ने कहा- 30-40 वर्ष किया काम, अब कहां जायेंगे
औरंगाबाद शहर : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में कार्यरत आठ दैनिक मजदूरों को हटाये जाने के खिलाफ बुधवार को कार्यालय में जम कर हंगामा हुआ. हटाये गये कर्मियों ने कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में जम कर रोष प्रकट किया. कर्मियों ने बिना वेतन भुगतान किये हटाये जाने का विरोध किया. कार्यपालक अभियंता पर मनमानी का भी आरोप लगाया. हटाये गये कर्मी ललन प्रसाद यादव व रामकुमार सिंह ने कहा कि 18 माह का पारिश्रमिक बकाया है. बकाया का भुगतान करते हुए कार्यमुक्त करना था, लेकिन बिना भुगतान के ही हटा दिया गया. कार्यालय में घंटों हंगामा होता रहा. हटाये गये कर्मियों ने कहा कि अगर बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाता,
तो वे लोग हंगामा नहीं करते. सचिव द्वारा जो पत्र जारी किया गया है, उसमें 11. 12.1990 के बाद रखे गये दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने का जिक्र है, लेकिन उनलोगों को वर्ष 1989 या उससे पहले से रखा गया है. करीब 30-40 वर्ष सेवा देने के बाद इस उम्र में हटाया जा रहा है, जब उन्हें दूसरी जगहों पर काम नहीं मिल सकता है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि उन्हें जो वरीय पदाधिकारियों से आदेश मिला उसका पालन किया है. जो पैसा बकाया रह गया है, उसके भुगतान के लिए लिखा गया है.
जिन कर्मचारियों की सेवा हुई समाप्त : जिन कर्मचारियों को हटाया गया है, उनमें कार्यनिरीक्षक वरुणंजय कुमार, अवधेश कुमार ठाकुर, शंभूशरण सिंह, ललन प्रसाद यादव, नलकूप खलासी रामकुमार सिंह, सूर्यदेव सिंह, राजेंद्र सिंह व रामवरण प्रसाद शामिल हैं.
घर की आर्थिक स्थिति है खराब : सेवा से हटाये गये नलकूप खलासी रामकुमार सिंह की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के बहेरी गांव के रहने वाले रामकुमार बीपीएल परिवार से आते हैं. 18 माह से वेतन भुगतान नहीं होने से घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है. इधर सेवा से हटाये जाने के बाद पूरे घर पर पहाड़ सा टूट पड़ा है. रामकुमार ने बताया कि उनके बच्चे किसी तरह दूसरे के घर खाकर पेट भर रहे हैं.
इधर कर्मचारी संघ ने शुरू की हड़ताल
आठ दैनिक भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के खिलाफ बुधवार से बिहार राज्य लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. अध्यक्ष रामसूचित सिंह, सचिव दिनेश सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई हड़ताल को संबोधित करते हुए कर्मचारियों ने कहा कि जो कार्रवाई की गयी है, वह काफी तानाशाही है. बिना स्पष्ट आदेश के आठ कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गयी है और वित्त विभाग के पत्रांक 639, दिनांक 16 मार्च 2006 का हवाला दिया गया है. उसमें वर्ष 2005 के पूर्व के पदों के संबंध में उल्लेख है, उस पत्र में हटाने का कहीं भी स्पष्ट जिक्र नहीं है. मात्र नियमित करने का नीति निर्धारण एक किया था, जबकि कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा आठ कर्मचारियों को एक साल से अधिक अवधी का वेतन भुगतान नहीं किया गया है और हटाने की कार्रवाई कर दी गयी है.
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