नवीनगर (औरंगाबाद) : खंड में शराब का अवैध धंधा खूब फल-फूल रहा है. प्रखंड का शायद ही कोई गांव ऐसा होगा, जो शराब का अवैध रोजगार से अछूता है. सोनतटीय गांव बाघा डाबर, तेतरिया, कजराइ, फुटहड़वा, महुअरी, कोईरीडीह, नारायणपुर, खैरा व बड़ेम आदि अनेकों ऐसे गांव हैं जहां यह धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है. जो आबकारी विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है. प्रखंड के बुद्धिजीवियों द्वारा इस पर रोग लगाने की मांग प्रशासन से कई बार की जा चुकी है.
युवाओं में बढ़ रही नशाखोरी की प्रवृत्ति : प्रखंड के टंडवा, माली, बरियावां, चरण व रामनगर आदि शहर के युवाओं में निरंतर बढ़ रही नशाखोरी की प्रवृत्ति पर नियंत्रण करना पुलिस प्रशासन एवं समाज के समक्ष अहम चुनौती बना हुआ है. विभिन्न संगठनों द्वारा नशा विरोधी दिवस तो मनाया जाता है, पर इसे मनाने का औचित्य नहीं दिखता है. यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाला समय समाज को दीमक की तरह चाट जायेगा. अब तक सैकड़ों खुशहाल परिवार गांजा व शराब माफियाओं के चंगुल में फंस कर बरबाद हो चुके है.