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सभा में स्वच्छता का संकल्प और सड़क पर कचरे का अंबार
यूरिनल व शौचालय के लिए भटकते हैं लोग औरंगाबाद सदर : स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत तीन साल पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन दो अक्तूबर से हुई थी. उस वक्त स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े नारे लगे थे और स्वच्छता के संकल्प के लिये गये थे. यहां तक कि शहर के कोने-कोने को स्वच्छ करने […]
यूरिनल व शौचालय के लिए भटकते हैं लोग
औरंगाबाद सदर : स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत तीन साल पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन दो अक्तूबर से हुई थी. उस वक्त स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े नारे लगे थे और स्वच्छता के संकल्प के लिये गये थे.
यहां तक कि शहर के कोने-कोने को स्वच्छ करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वच्छता के संदेश पहुंचाने की बात कही गयी थी. लेकिन, शहर में स्वच्छता का हाल देख कर ऐसा लगता है कि लोग निजी जिम्मेदारी लेने से भागते हैं, तो विभाग भी इस पर गंभीर नहीं है.
लोगों को संकल्प दिलाने के बाद आधे-अधूरे मन से की जा रही स्वच्छता पर कार्रवाई असरदार साबित नहीं हो रही. यही कारण है कि शहर के कई मुहल्ले, कॉलोनी, मेन रोड, बाजार, आवासीय क्षेत्र, बस स्टैंड, खेल मैदान सभी गंदगी से पटे हैं.
लोग यूरिनल व सार्वजनिक शौचालय के अभाव में खुले वातावरण को ठिकाना बनाए हुए हैं. लोगों को जरूरी सुविधाओं के लिए बाजार में भटकना पड़ता है. इधर, नगर पर्षद के बोर्ड के गठन हुए पांच महीने होने जा रहे हैं, लेकिन स्वच्छता को लेकर नगर पर्षद अब भी पुराने ढर्रे को ही अपनाये हुए है. वहीं डोर टू डोर कचरा उठाने का सिस्टम भी फेल होता दिख रहा है.
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