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एलोपैथ के माध्यम से डेंगू का कारगर व सुरक्षित इलाज संभव
48 घंटे में डेंगू के मरीज को ठीक करनेवाली दवा के दावे का सच होमियोपैथ की दवा काे लेकर सोशल मीडिया पर मैसेज हो रहा वायरल औरंगाबाद सदर : डेंगू बुखार हर साल कइयों को अस्पताल पहुंचाता है, तो कइयों की इससे मौत हो जाती है. डेंगू बुखार होने से पहले सावधानी बरतना और अगर […]
48 घंटे में डेंगू के मरीज को ठीक करनेवाली दवा के दावे का सच
होमियोपैथ की दवा काे लेकर सोशल मीडिया पर मैसेज हो रहा वायरल
औरंगाबाद सदर : डेंगू बुखार हर साल कइयों को अस्पताल पहुंचाता है, तो कइयों की इससे मौत हो जाती है. डेंगू बुखार होने से पहले सावधानी बरतना और अगर हो जाये, तो डॉक्टरी सलाह लेना ही बचाव के रास्ते हैं. ऐसे में इन दिनों डेंगू के इलाज को लेकर एलोपैथिक दवाओं के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाओं का प्रचार-प्रसार खूब हो रहा है.
खासकर व्हाट्सएप और फेसबुक पर इन दिनों होम्योपैथिक दवा का नाम खूब वायरल हो रहा है और इसके फायदे भी बताये जा रहे हैं. डेंगू का बुखार एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है, जो दो विशिष्ट प्रजाति के मच्छरों “एडीज इजिप्ती” और “एडीज अल्बोपिक्टस” के काटने से फैलता है. इन मच्छरों का काटना कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाता है. ऐसे में इलाज की जब बात सामने आती है, तब लोगों के दिमाग में तरह-तरह के ख्याल आते हैं. ऐसे आपात स्थिति में अगर कोई आयुर्वेद, होमियोपैथी या एलोपैथिक इलाज की सलाह देता है, तो थोड़ा मन में दुविधा जरूर पैदा हो जाती है. इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है.
दरअसल, व्हाट्सएप पर डेंगू के इलाज में होमियोपैथिक दवा यूपेटोरियम परफोलियेटम का प्रयोग करने की बात कही जा रही है. इस दवा से संबंधित हुए वायरल संदेश में यह साफ-साफ कहा गया है कि इस दवा के दो दिन लगातार सेवन करने से यानी 48 घंटे में डेंगू के मरीज ठीक हो सकते हैं. सोशल मीडिया पर वैसे तो आये दिन कुछ न कुछ ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन उन्हीं में से कुछ ऐसे मामले छन कर सामने आते हैं, जो लोगों की सेहत और जिदंगी से जुड़ा होता है. ऐसी स्थिति में इसकी वास्तविकता से परिचित होना भी आवश्यक है .
क्या कहते हैं होमियोपैथ के जानकार
होमियोपैथ व आयुर्वेद जैसी चिकित्सा आज की दुनिया में वैकल्पिक उपचार के रूप में मानी जाती है. रही बात होमियोपैथिक दवा यूपेटोरियम परफोलियेटमो की, तो होमियोपैथी और आयुर्वेद आपात स्थिति के लिए नहीं है. यह दवा बुखार और हड्डियों के दर्द में प्रयोग में लायी जाती है.
आमतौर पर देखा जाता है कि होमियोपैथ को कुछ लोगों का शरीर झट से स्वीकार कर लेता है, तो कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इसे अस्वीकार करते हैं. डेंगू के लिए उपयुक्त दवा एलोपैथ में उपलब्ध है, जिसमें आपात स्थिति में भी उपयोग में लाकर मरीज को ठीक करने की संभावना दिखती है. वैसे चिकित्सीय सलाह के बिना कोई भी दवा प्रयोग न करें, तो बेहतर है.
गुलफाम सिद्दीकी, जानकार होमियोपैथ
डेंगू के मरीजों से निबटने के लिए एलोपैथिक दवा बेहद कारगर है. एलोपैथिक पद्धति में डेंगू से पीड़ित मरीज के प्लेटलेट्स को ठीक किया जाता है. यह पद्धति मरीजों की जान बचाते आ रही है. सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था और चिकित्सक उपलब्ध है.
डॉ आरपी सिंह, सीएस, सदर अस्पताल
सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाओं की किट उपलब्ध है. अब तक डेंगू के कोई मरीज नहीं मिले हैं. अस्पताल में 50 से अधिक कीट उपलब्ध है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाया जा सकता है. डेंगू में सबसे ज्यादा कारगर एलोपैथिक इलाज है.
डॉ राजकुमार प्रसाद, डीएस, सदर अस्पताल
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