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मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत अंगीभूत व संबंधन प्राप्त कॉलेजों में रूसा, यूजीसी व राज्य सरकार से मिलनेवाली अनुदान की राशि में करोड़ों की गड़बड़ी की बात सामने आयी है. इन कॉलेजों में पाठ्यक्रम चलाने के नाम पर अनुदान विवि की मिलीभगत से प्राप्त कर लिया गया है, जबकि विवि के स्तर से […]

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत अंगीभूत व संबंधन प्राप्त कॉलेजों में रूसा, यूजीसी व राज्य सरकार से मिलनेवाली अनुदान की राशि में करोड़ों की गड़बड़ी की बात सामने आयी है. इन कॉलेजों में पाठ्यक्रम चलाने के नाम पर अनुदान विवि की मिलीभगत से प्राप्त कर लिया गया है, जबकि विवि के स्तर से उन पाठ्यक्रमों का अनुमोदन राजभवन व राज्य सरकार से नहीं लिया गया है. राजभवन व राज्य सरकार से बिना अनुमोदन के ही केबी कॉलेज रानीगंज में फैशन डिजाइनिंग कोर्स संचालित है.

केबी कॉलेज रानीगंज को कोर्स चलाने के लिए पौने दो करोड़ से अधिक का ग्रांट भी मिल चुका है. यह ग्रांट विवि द्वारा अनुमोदन के उपरांत ही प्राप्त होता है. हैरत की बात यह है कि ऐसे कई कॉलेज हैं, जहां करोड़ों रुपये का ग्रांट तो मिल गया है लेकिन वहां न तो विधिवत तरीके से कोर्स का संचालन हो रहा है और न ही अनुदान की राशि का नियमसंगत उपयोग किया जा रहा है. विवि सूत्रों की मानें तो कॉलेजों में अनुदान की राशि में भारी लूट खसोट हुई है. हालांकि विवि प्रशासन ने अनुदान की राशि में भारी गड़बड़ी की आशंका होने पर विवि अंतर्गत सभी कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र जारी करते हुए पंद्रह दिनों के अंदर अनुदान की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है. विवि का शक तब और गहराया है, जब नियमानुकूल अनुदान की उपयोगिता प्रमाण पत्र व स्पष्ट प्रगति प्रतिवेदन विवि को उपलब्ध कराना था जो अब तक नहीं कराया गया है.

बंद होंगे बिना अनुमोदन के कोर्स : विवि अंतर्गत जिन कॉलेजों में बिना अनुमोदन के टेक्निकल व वोकेशनल पाठ्यक्रम चल रहे हैं, उन पर ग्रहण लगना तय है. जहां बिना राज्य सरकार के अनुमोदन के वोकेशनल कोर्स व टेक्निकल कोर्स संचालित हो रहे हैं, उसे बंद कराया जायेगा. गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक मंडल से विवि की शाखाओं को संबंधन परिनियम व विनियम निर्माण की जवाबदेही निर्धारित है. इसके विपरीत बीएन मंडल विवि में कार्यों का निष्पादन पूर्व से होता आ रहा है. जबकि बिहार विवि एक्ट 1976 में स्पष्ट प्रावधान है कि विवि उसी पाठ्यक्रम में डिग्री देगी जो रेगुलेशन के अंतर्गत पाठ्यक्रम पुरा करेगा. हालांकि कुलसचिव डाॅ कुमारेश प्रसाद सिंह ने संबंधित पदाधिकारियों को पत्र निर्गत कर निर्देश दिया है कि यदि कोई पाठ्यक्रम बिना महामहिम की अनुमति अथवा विनियम के अभाव में संचालित किये जो रहे हों, उन पाठ्यक्रमों को तुरंत बंद कर विज्ञापन जारी करें.
जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित : विगत दिनों राजभवन द्वारा विवि में अनुमोदित विषय व पाठयक्रम की विस्तारित जानकारी लेने के लिए पत्र भेजा गया. पत्र आने के बाद जब विवि ने रिकाॅर्ड खंगालना शुरू किया तो पाया अधिकांश पाठयक्रम बगैर अनुमोदन के जारी हैं. तत्पश्चात विवि में बिना अनुमोदन के संचालित पाठ्यक्रम और उस पर बिना अनुमोदन के अनुदान प्राप्त करने की गड़बड़ी पर विवि प्रशासन का रुख काफी सख्त दिख रहा है. विगत दिनों कुलपति डाॅ विनोद कुमार की अध्यक्षता में संपन्न परीक्षा बोर्ड की बैठक में इन मामलों की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी संचालित पाठ्यक्रमों के नामांकन व परीक्षा से संबंधित नियम व विनियम का अनुमोदन महामहिम कुलाधिपति कार्यालय से प्राप्त है कि नहीं, इसकी जांच करेंगे. कमेटी में सीसीडीसी सह डीएसडब्लू डाॅ अनिलकांत मिश्रा व उपकुलसचिव शैक्षणिक डाॅ नरेंद्र श्रीवास्तव को शामिल किया गया है. वहीं कुलपति ने निर्देश देते हुए कहा है कि गठित कमेटी पंद्रह दिन में जांच प्रतिवेदन समर्पित करें और तुरंत बिना अनुमोदन के संचालित पाठ्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए विवि से अधिसूचना जारी की जाये.
कॉलेजों को देना होगा करोड़ों का हिसाब-किताब : विवि अंतर्गत सभी अंगीभूत व संबंधन प्राप्त कॉलेजों को राज्य सरकार, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से प्राप्त अनुदान के करोड़ों रुपये की राशि का हिसाब किताब देना होगा. सीसीडीसी सह डीएसडब्लू डाॅ अनिलकांत मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार, रूसा व यूजीसी से 11वीं और 12वीं योजना के तहत कॉलेजों को प्राप्त अनुदान की राशि का प्रगति प्रतिवेदन और उपयोगिता प्रमाण पत्र पंद्रह दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि अनुदान प्राप्त करने के लिए कॉलेज प्रस्ताव तैयार कर विवि को समर्पित करती है. इसके बाद विवि प्रस्ताव को अनुमोदित कर आगे की कार्रवाई के लिए भेजती है. अनुदान मिलने के पश्चात संबंधित कॉलेज विवि को न तो ससमय उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध करा रही है, न ही प्रगति प्रतिवेदन अब तक समर्पित किया गया है.
पत्र निर्गत कर निर्देश दिया है कि यदि कोई पाठ्यक्रम बिना महामहिम की अनुमति अथवा विनियम के अभाव में संचालित किये जा रहें हो, उन पाठ्यक्रमों को तुरंत बंद कर विज्ञापन जारी करें. इसके अलावा विवि अंतर्गत सभी कॉलेजों को पत्र निर्गत कर पंद्रह दिनों के अंदर उपलब्ध अनुदान की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है.
डॉ कुमारेश प्रसाद सिंह, कुलसचिव, बीएनएमयू
यूजीसी व राज्य सरकार और उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत जिस किसी कॉलेज को किसी भी रूप से विकास के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है उस अनुदान का उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं प्रगति प्रतिवेदन पंद्रह दिनों के अंदर उपलब्ध कराना है, ताकि इसकी सूचना यूजीसी, रूसा, राज्य सरकार एवं राजभवन को दी जा सके. राजभवन एवं राज्य सरकार से बिना अनुमोदन के ही केबी कॉलेज रानीगंज में फैशन डिजाइनिंग कोर्स अगर चल रहा है तो वह नियम के विरुद्ध है. हालांकि यह काफी पूर्व का मामला है. इसके बाजवूद संचिका मंगा कर जांच की गयी तो प्रथम दृष्टया यह सत्य प्रतीत हो रहा है. आगे की कार्रवाई के लिए वरीय से मार्गदर्शन मांगा गया है.

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