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अब तक 1908 एमटी की हुई खरीद

कछुआ चाल . लक्ष्य प्राप्ति लग रही है मुश्किल, 45 हजार एमटी का है लक्ष्य जिले में धान खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. अब तक मिलरों व पैक्सों के टैगिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. अररिया : जिले में धान अधिप्राप्ति कछुए की रफ्तार से चल रही है. धान खरीद का […]

कछुआ चाल . लक्ष्य प्राप्ति लग रही है मुश्किल, 45 हजार एमटी का है लक्ष्य

जिले में धान खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. अब तक मिलरों व पैक्सों के टैगिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.
अररिया : जिले में धान अधिप्राप्ति कछुए की रफ्तार से चल रही है. धान खरीद का लक्ष्य 45 हजार एमटी है. इधर, हालात बता रहे हैं कि अब तक 285 किसानों से 1908 एमटी धान की खरीद ही पैक्स व व्यापार मंडल द्वारा की जा सकी है. नवंबर माह से ही धान अधिप्राप्ति शुरू करने की बात कही जा रही है. सात दिसंबर को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सहकारिता विभाग धान अधिप्राप्ति में सक्रियता दिखा रहा था. उनके जाने के बाद जबकि परिणाम सामने है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धान अधिप्राप्ति में सबसे बड़ी बाधा मिलर रजिस्ट्रेशन के बाद उसके पैक्स व व्यापार मंडल से टैगिंग में हो रहा विलंब माना जा रहा है.
पैक्स या व्यापार मंडल के पास सीसी लीमिट कम होने के कारण अधिक से अधिक संख्या में किसानों से धान खरीद करने के लिए राशि अादान-प्रदान की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है. यह तब ही संभव होगा जब तक मिलरों को पैक्स या व्यापार मंडल से टैग करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है. मिलरों द्वारा तैयार चावल एसएफसी को दिये बगैर राज्य खाद्य निगम द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा. ऐसी परिस्थिति में पैक्स व व्यापार मंडल को चावल के रूप में राशि का भुगतान होने में विलंब होगा. जिससे पैक्स या व्यापार मंडल को दूसरे किसानों के धान की खरीद के लिए राशि मुहैया नहीं हो पायेगी. ऐसे में एक बार फिर ज्यादातर किसान अपने धान को बेचे पाने से वंचित रह जायेंगे.
कहते हैं सहकारिता पदाधिकारी
जिला सहकारिता पदाधिकारी कविंद्र नाथ ठाकुर ने बताया कि धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही मिलरों से पैक्सों की टैगिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. जिससे किसानों से धान की खरीद में स्वत: ही तेजी आ जायेगी.
धान खरीद की वास्तविक स्थिति
वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिले के किसान के सामने सहकारिता विभाग के क्रय केंद्रों पर धान बिक्री करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण है पहले तो अधिकृत पैक्स व व्यापार मंडल की संख्या में कमी होना. दूसरा जिन पैक्सों व व्यापार मंडल को धान अधिप्राप्ति के लिए अधिकृत किया गया है उनमें से अधिकांश के पास अपना मिल नहीं है. उन पैक्सों व व्यापार मंडल को एसएफसी द्वारा निबंधित किये गये मिलरों से टैग करना है,
जो कि अब तक नहीं हो पाया है. इस बार धान अधिप्राप्ति के लिए अधिकृत पैक्सों की संख्या 158 जबकि व्यापार मंडल की संख्या 07 है. गौरतलब हो कि जिले में पैक्सों की संख्या 218 व व्यापार मंडल की संख्या 09 है. बांकी बचे पैक्सों को आस-पास के अधिकृत पैक्सों के साथ टैग कर धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

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