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महिलाओं को मिलेगा दायित्व

निर्णय . एसएचजी समूह को संगठित कर बनाया जा रहा एलओ नगर परिषद के सामाजिक क्षेत्र में होने वाले कार्यों को अब एसएचजी से जुड़ी महिलाएं देखेंगी. नप का यह प्रयास न केवल नारी सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर भी होंगी. रैन बसेरा का […]

निर्णय . एसएचजी समूह को संगठित कर बनाया जा रहा एलओ

नगर परिषद के सामाजिक क्षेत्र में होने वाले कार्यों को अब एसएचजी से जुड़ी महिलाएं देखेंगी. नप का यह प्रयास न केवल नारी सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर भी होंगी. रैन बसेरा का भी रखरखाव इन्हीं एसएचजी के जिम्मे सौंपने का निर्णय लिया गया है.
अररिया : एनयूएलएम योजना के तहत एसएचजी को स्वरोजगार की दिशा में मजबूती प्रदान करने के लिए नगर परिषद लगातार अच्छे प्रयास कर रहा है. खास बात तो यह है कि जो पैसा नगर परिषद सामाजिक क्षेत्र में काम करने के लिए किसी संवेदक या संस्था के पीछे व्यय करती है. अब उस राशि का व्यय कर नगर परिषद सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कार्य शहर के एसएचजी समूह से ही करा कर उन्हें स्वरोजगार की दिशा में मजबूत बना सकती है.
इसके लिए एनयूएलएम नप क्षेत्र में 11 एसएचजी को एकीकृत कर एक एरिया लेवल ऑर्गेनाजेशन बना रहा है. इसके बाद एलओ का निबंधन सहकारिता विभाग से कराया जा रहा है. इसके बाद वे सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े कार्यों में अपनी सहभागिता प्रदर्शित करने के लिए स्वतंत्र हो जायेंगी. अभी वर्तमान में नगर परिषद क्षेत्र में गठित हुआ एलओ प्रगति सहकारी समिति है जो कि ओमनगर वार्ड संख्या आठ में स्थित है.
चार एलओ बनाने की चल रही है प्रक्रिया
नगर परिषद क्षेत्र में 214 एसएचजी संचालित है, जिसमें 83 एसएचजी को चक्रचालित राशि दस हजार रुपये प्रति एसएचजी नगर परिषद द्वारा जी चुकी है.
इनमें से ही तीन एसएचजी को एकीकृत कर एलओ में तब्दील करने की प्रक्रिया चल रही है. इस संबंध में एनयूएलएम के नीरज कुमार ने बताया कि वार्ड संख्या एक में खुशी, वार्ड संख्या नौ में रौशनी, वार्ड संख्या तीन में भवानी को एलओ में तब्दील करने की प्रक्रिया चल रही है. नीरज कुमार ने बताया कि बैंक से अब तक कुल 22 एसएचजी को संबंध कराकर ऋण प्रदान कराया गया है. स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत अब तक टास्क फोर्स द्वारा अनुमोदित कर कुल 23 एसएचजी को साढ़े 13 लाख रुपये का ऋण दिया जा चुका है. एसएचजी समूह को मतबूती दिलाने की प्रक्रिया में बैंक के स्तर से ही शिथिलता बरते जाने की बात उन्होंने कही.
बढ़ेगी ऋण की राशि
नगर परिषद द्वारा शहर में रैन बसेरा का निर्माण होना है. रैन बसैरा के रख रखाव की जिम्मेवारी एलओ (एरिया लेवल ऑर्गेनाइजेशन) की दी जायेगी. रैन बसैरा के रख रखाव के लिए प्रति वर्ष छह लाख रुपये का आवंटन किया जायेगा. जिसमें खाना-पीना, साफ-सफाई आदि काम करने की जिम्मेवारी एलओ की होगी. इसके अलावा भी एलओ बेहतर प्रदर्शन के आधार पर शहर के साफ-सफाई, डोर स्टैप कचरा उठाव आदि किसी भी प्रकार के सरकार से जुड़ी सामाजिक क्षेत्र के कार्यों के लिए स्वतंत्र होगी. खास बात तो यह है कि चक्र चालित राशि के रूप में पहले जहां एसएचजी को 10 हजार रुपये दिया जाता था.
वहीं अब इन्हें 50 हजार रुपये चक्र चालित राशि के रूप में दी जायेगी. जहां पहले एक एसचजी को दो लाख से दस लाख के बीच ऋण देने का प्रावधान था. वहीं एसएचजी को एलओ में परिवर्तित होते ही ऋण की राशि भी बढ़ जायेगी.
इससे पहले समाहरणालय में एसएचजी को कैंटीन चलाने का जिम्मा दिया गया है.
सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में एसएचजी को स्वरोजगार की दिशा में मजबूत करने के लिए एक सार्थक पहल
एक एलओ का हो चुका है गठन जबकि तीन अन्य हैं प्रक्रियाधीन
सहयोग देने की कार्यवाही चल रही है
शहर के एसएचजी नित्य स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इनको सभी प्रकार से सहयोग देने की कार्यवाही भी एनयूएलएम योजना के तहत चल रही है. एसएचजी समूह का गठन एलओ द्वारा किये जाने के बाद सामाजिक क्षेत्र के कार्यों में उनका सहयोग नगर परिषद प्राप्त कर सकती है.
भवेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी

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