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जानकारी व लापरवाही के कारण ठगी के िशकार हो जाते हैं उपभोक्ता

अररिया : विश्व उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि व जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एसके चौबे सहित अन्य अतिथि वक्ताओं ने कहा कि देश का हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है. पर आवश्यक जानकारी व कुछ लापरवाही के कारण उपभोक्ता ठगी का शिकार होते रहते […]

अररिया : विश्व उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि व जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एसके चौबे सहित अन्य अतिथि वक्ताओं ने कहा कि देश का हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है. पर आवश्यक जानकारी व कुछ लापरवाही के कारण उपभोक्ता ठगी का शिकार होते रहते हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी आशंका ज्यादा रहती है. लोगों को चाहिए कि कोई भी सामान खरीदते या पैसे के एवज सेवा लेने के क्रम में पूरी छानबीन कर लें. सभी आवश्यक जानकारी जुटा लें. सामान की रसीद भी जरूर लें. बताया गया कि शिकायत निवारण के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उपभोक्ता फोरम गठित है. वहीं वक्ताओं ने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए गांव व देहात में स्वयंसेवकों के समूह के गठन को भी जरूरी करार दिया.

महिला कॉलेज में आयोजित सेमिनार के दौरान विषय प्रवेश करते हुए आयोजक संस्था सवेरा के चेयरमैन विनोद आशीष ने कहा कि कार्यक्रम केंद्र व राज्य सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा प्रायोजित है. जिला प्रशासन का सहयोग लिया गया है. बताया गया कि बिहार सरकार ने राज्य के पांच सुदूर जिलों में बदलते आर्थिक व तकनीकी परिवेश में ग्रामीण उपभोक्ताओं की चुनौतियों पर सेमिनार का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि नये नये उत्पाद आ रहे हैं.
नयी तकनीक का विकास हो रहा है. व्यवस्था की बदलती तसवीर से बचना मुश्किल है. लेकिन सुरक्षा पर ध्यान देना होगा. बदलती व्यवस्था ने जहां सुविधाएं दी हैं. वहीं उपभोक्ताओं के ठगे जाने के दरवाजे भी खुले हें. लिहाजा उपभोक्ताओं का अधिक जागरूक होना पड़ेगा.
उपभोक्ता संरक्षण अभियान से जुड़े अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने कहा कि जन्म से ही देश का हर व्यक्ति उपभोक्ता बन जाता है. वहीं उपभोक्ता ठगी का भी शिकार हो रहे हैं. इस से बचने के लिए पूरी छानबीन कर ही सामान खरीदना चाहिए. रसीद भी लेनी चाहिए. शिकायत के लिए भी मंच है. उन्होंने आवेदन की प्रक्रिया समझाते हुए कहा कि उपभोक्ता अदालत में केस दायर करने के लिए वकील जरूरी नहीं है. सादा कागज में आवेदन दिया जा सकता है. बीपीएल के लिए कोर्ट फीस नहीं है. जबकि सामान्य लोगों के लिए अधिकतम 500 रुपये कोर्ट फीस लगते हैं. उन्होंने आइएसआइ, एगमार्क, एफपीओ आदि मार्कों के महत्व की भी जानकारी दी.
इस अवसर पर परवेज आलम ने जहां उपभोक्ता संरक्षण आंदोलन के इतिहास व पारित अधिनियम की जानकारी दी. वहीं तरह तरह के आंकड़ों को रखते हुए उन्होंने कहा कि देश अब भी गांव में बसता है. ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता बाजार बढ़ा है. लगभग 72 करोड़ उपभोक्ता गांव में हैं. ऐसे में उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है. पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधियों, एसएचजी,
जीविका व लोक शिक्षा केंद्र के स्वयंसेवकों को मिला कर जागरूकता समूह का गठन किया जा सकता है.
वहीं अधिवक्ता एलपी नायक ने कहा कि उपभोक्ता फोरम तक ग्रामीण लोगों की पहुंच नहीं हो पा रही है. सुविधाओं के अभाव के कारण फोरम से न्याय मिलने में विलंब होता है. ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायत के लिए विशेष तकनीक को विकसित किया जाना चाहिए. उपभोक्ता कानून में भी बदलाव की जरूरत है.
वहीं मुख्य अतिथि श्री चौबे ने कहा कि अधिनियम में उपभोक्ता संरक्षण के लिए समूह बनाने का प्रावधान है. पर उपभोक्ताओं को भी आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है. जिला उपभोक्ता फोरम पीडि़तों को जल्द से जल्द न्याय देने का प्रयास करता है. इस अवसर पर सवेरा के एसके संजु ने भी अपने विचार रखे. अतिथियों का स्वागत प्राचार्य प्रो बासुकीनाथ झा व धन्यवाद ज्ञापन जिला आपूर्ति पदाधिकारी अशोक कुमार मंडल ने किया. जबकि संचालन हारून रशीद गाफिल ने किया.
इस अवसर पर अधिवक्ता जितेंद्र कुमार, फोरम की सदस्य रीता देवी, डा एसआर झा, प्रो बचनेश्वर मिश्रा, अधिवक्ता देवेंद्र मिश्रा, एडीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, जिला डीलर्स संघ के मंत्री मो अशलम, सदस्य प्रदीप पासवान सहित अन्य गणमान्य लोग व बड़ी तादाद में महिला कॉलेज की छात्राएं भी मौजूद थी.

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