वरना लग सकता है जुर्माना
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आदेश . व्यावसायिक प्रतिष्ठान व स्कूल संचालक लगवायें अग्निशमन यंत्र
वरना लग सकता है जुर्माना व्यवसायिक प्रतिष्ठान व आवासीय स्कूल व वैसी जगह जहां आम लोगों का जमावड़ा होता है या शहर की व्यवस्था हो वहां अग्निशमन यंत्र लगाने का राज्य अग्निशमन विभाग ने निर्देश िदया है. निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करते पाये जाने पर प्रतिष्ठान संचालकों पर प्राथमिकी हो सकती है. अररिया : राज्य […]
व्यवसायिक प्रतिष्ठान व आवासीय स्कूल व वैसी जगह जहां आम लोगों का जमावड़ा होता है या शहर की व्यवस्था हो वहां अग्निशमन यंत्र लगाने का राज्य अग्निशमन विभाग ने निर्देश िदया है. निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करते पाये जाने पर प्रतिष्ठान संचालकों पर प्राथमिकी हो सकती है.
अररिया : राज्य अग्नि शमन पदाधिकारी पटना ने जिला अग्नि शमन पदाधिकारी को पत्र भेज कर आग से सुरक्षा को ले आवासीय होटलों, गैस गोदाम, पेट्रोल पंप, रेंस्टोरेंट, व्यावसायिक गोदामों, सिनेमा हॉल, सरकारी व प्राइवेट आवासीय विद्यालयों सहित बहुमंजिली इंमारतों की जांच करने का आदेश दिया है.
यह आदेश बिहार फायर एक्ट 2014 के आलोक में दिया गया है. राज्य अग्नि शमन पदाधिकारी कार्यालय पटना के ज्ञापांक 713 दिनांक 11 फरवरी 2015 व जिला पदाधिकारी के आदेश ज्ञापांक 122 दिनांक तीन फरवरी 2016 के आलोक में जांच कार्य शुरू है. शहर के एक आवासीय होटल संचालक को पत्रांक 63 दिनांक 10 फरवरी 2016 के द्वाराअग्नि शमन कार्यालय अररिया ने पत्र भी निर्गत किया है. कहा गया है अग्निशमन यंत्र लगवायें, वरना जुर्माना लगेगा.
क्या है प्रावधान
बहुमंजिली इमारतों, सौ कमरे या फिर 15 मीटर ऊंची वैसे इमारतों में जिसमें होटल, प्राइवेट स्कूल, गोदाम, रेस्टोरेंस, सिनेमा हॉल, जहां आम लोगों का जमावड़ा होता हो या फिर ठहरने की व्यवस्था हो. ऐसे प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के लिए सुरक्षात्मक व्यवस्था आवश्यक है. निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करते पाये जाने पर प्रतिष्ठान संचालकों पर एफआइआर दर्ज की जा सकती है. 50 हजार रुपये अथवा छह माह तक काराधीन किया जा सकेगा.
इतने के बाद भी पुन: मानक मापदंडों का उल्लंघन करता पाया जायेगा. जिस प्रतिष्ठान ने जुर्माना भरा है. तो उसे प्रतिदिन के हिसाब से तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना भरने को तैयार रहना होगा. हर हाल में अग्निशमन यंत्र लगाना अनिवार्य होगा. तभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का संचालन हो पायेगा. आदेश के बाद जिला अग्निशमन पदाधिकारी निर्देशानुसार जांच की शुरुआत कर चुके हैं. जांच शुरू होते ही हड़कंप मच गया है. खासकर आवासीय होटल व आवासीय प्राइवेट स्कूल संचालकों के चेहरे पर शिकन की रेखाएं खिंच गयी है. इस जांच के दायरे में नर्सिंग होम को भी रखा गया है.
बहरहाल, अग्नि शमन विभाग द्वारा अगर ईमानदारी से भौतिक सत्यापन किया गया तो निश्चय ही जिले के सरकारी खजाना में बेहतर इजाफा हो सकता है. जिला अग्नि शमन पदाधिकारी के अवकाश पर रहने से अब तक कितने प्रतिष्ठानों, बहुमंजिला इमारतों, आवासीय होटलों की जांच की गयी. जानकारी प्राप्त करने में सफलता नहीं मिल पायी.
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