अररिया : राज्य सरकार द्वारा महंगी साड़ी व कपड़ों पर वैट लगाये जाने के विरोध में जिले के कपड़ा व्यवसायी बुधवार को सड़कों पर उतर आये. सरकार के फैसले के विरोध में उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा. फैसले को जन विरोधी बताते हुए सरकार विरोधी नारे लगाये. चैंबर ऑफ कॉमर्स अररिया इकाई द्वारा आहूत बंद का नेतृत्व सुशील चंडालिया ने किया. विरोध कर रहे व्यवसायियों ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को एक पत्र सौंपा.
पत्र में कपड़े व साड़ी को पहले की तरह कर मुक्त रखने का अनुरोध सरकार से किया गया है. डीएम को सौंपे गये पत्र में कहा गया है कि देश के तकरीबन सभी राज्यों में कपड़ा व साड़ी पूर्णत: कर मुक्त है. आंध्रप्रदेश, असम, उड़ीसा की सरकारों ने कर लगाने की पहल जरूर की थी, पर बाद में आम लोगों को होने वाली कठिनाई को ध्यान में रखते हुए इसे वापस ले लिया गया.
बिहार में कपड़ा व साड़ी पर कर लगाये जाने से राज्य में कपड़ा का व्यवसाय प्रभावित होगा. इससे बेरोजगारी बढ़ेगी प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार और असामाजिक तत्वों को भी बढ़ावा मिलने की बात पत्र में कही गयी है. पत्र में कहा गया है कि पारिवारिक उत्सवों के मौके पर गरीब से गरीब लोग भी 2000 मूल्य से ज्यादा महंगी साड़ी व 500 रुपये प्रति मीटर से अधिक कीमत के कपड़ों की खरीदारी करते हैं. वैट लगाने से इनके दामों में और इजाफा होगा. इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा.
मौके पर टी अहमद, अकीब रेजा, धर्मचंद, प्रदीप चिंडालिया, विजय कुमार, मंगी लाल जैन, नरेंद्र हिरावत, मो नूर, राजेश जैन, पवन जैन, हनुमानमल जैन, ताराचंद जैन, संजय भगत, निर्मल कुमार, पवन सोमानिया, नंद लाल जैन सहित दर्जनों कपड़ा व्यवसायी शामिल थे.