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अब बैनर व तोरण द्वार लगाने के एवज में देना होगा टैक्स

अब बैनर व तोरण द्वार लगाने के एवज में देना होगा टैक्सबगैर अनुमति के नहीं लगेंगे नप क्षेत्र में बैनर या पोस्टरबैनर लगाने के नाम पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरुद्ध होगी कार्रवाई फोटो:5-हटाये जा रहे हैं पोस्टर व बैनर. प्रतिनिधि, अररिया शहर में मनमरजी बैनर, पोस्टर व तोरण द्वार लगाना लोगों को महंगा […]

अब बैनर व तोरण द्वार लगाने के एवज में देना होगा टैक्सबगैर अनुमति के नहीं लगेंगे नप क्षेत्र में बैनर या पोस्टरबैनर लगाने के नाम पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरुद्ध होगी कार्रवाई फोटो:5-हटाये जा रहे हैं पोस्टर व बैनर. प्रतिनिधि, अररिया शहर में मनमरजी बैनर, पोस्टर व तोरण द्वार लगाना लोगों को महंगा पड़ रहा है. नगर परिषद अररिया के द्वारा नप क्षेत्र में ऐसे लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. विगत एक सप्ताह के दौरान नप कर्मी के द्वारा दो दर्जन से ज्यादा बैनर पोस्टर को उखाड़ कर जब्त कर लिया गया है. साथ ही बैनर में दर्ज नाम वाले व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध जुर्माने के रुप में पांच सौ से एक हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है. जुर्माने की राशि की वसूली का जिम्मा टैक्स कमिश्नर को सौंपा गया है. मिली जानकारी के अनुसार अवैध रुप से लगाये गये बैनर, पोस्टर या तोरण द्वार लगाने वाले व्यक्ति या संस्था से नप द्वारा जुर्माने के रूप में अब तक 12 हजार रुपये की वसूली कर चुका है, जबकि इस मामले में नगर परिषद के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई भी कर सकता है. नगर परिषद के इस कदम की कहीं सराहना तो कहीं विरोध हो रहा है. बुद्धिजीवियों के द्वारा इस पहल का स्वागत किया जा रहा है. उनकी मानें तो इस प्रकार के कार्रवाई से शहर में इधर-उधर बिखरे पड़े हुए बैनर व पोस्टर लगाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होगी, जिससे बैनर-पोस्टर लगाने पर विराम लग पायेगा. क्या है नियम नगर परिषद को अपने क्षेत्र अंतर्गत आनी वाले सार्वजनिक ही नहीं बल्कि प्राइवेट भू भाग पर बैनर, पोस्टर, तोरण द्वार, दीवार लेखन के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए नप को शक्ति प्रदत्त किया गया है. नगर परिषद बिना अनुमति के सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र में बैनर पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध धारा 145, 146, 147, 148 ,149,150,151 व 152 के तहत कार्रवाई कर सकता है. हालांकि विभिन्न प्रकार के धाराओं के लिए एक अलग-अलग कार्रवाई का प्रावधान है. धारा 145 के तहत व्यक्ति नप क्षेत्र में किसी प्रकार का स्ट्रक्चर, साइन बोर्ड, होर्डिंग, बैनर-पोस्टर, तोरण द्वार या किसी भी प्रकार का प्रचार करने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक होगा. धारा 146 के तहत किसी भी प्रकार के विज्ञापन के प्रयोजन के लिए कार्य स्थल के उपयोग करने की अनुज्ञप्ति विज्ञापन अभिकर्ता को प्रारंभ हाने की तिथि से नब्बे दिनों के अवधि में अनुज्ञप्ति या अनुज्ञप्ति नवीकरण के लिए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को बगैर अनुमति लिये नहीं हो सकता है. धारा 147 के तहत विज्ञापन के कर का प्रावधान है जो कि अग्रिम या किस्त के रूप में हो सकता है. कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश को स्वत: निरस्त माना जायेगानप क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द खराब नहीं हो इस पर भी अपनी कड़ी नजर बनाये हुए है. धारा 148 के तहत नप को यह भी शक्ति प्रदान की गयी है. इसके तहत बैनर-पोस्टर लगाने का आदेश लेने के बाद भी कोई व्यक्ति या संस्था सामाजिक सौहार्द को बैनर पोस्टर के माध्यम से खराब करना चाह रहा है, तो कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश को स्वत: निरस्त माना जायेगा. साथ ही ऐसे संस्था या व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी. धारा 149 के तहत अनुज्ञप्ति धारी नियम या स्थान का परिवर्तन करता है तो वह भी स्वत: निरस्त माना जायेगा. धारा 150 के तहत भी अनुज्ञप्ति धारी के द्वारा उल्लंघन का नियम है. धारा 151 में अनुज्ञप्ति धारी द्वारा किसी भी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में मुख्य नगर पालिका पदाधिकारी को विशेष शक्ति प्रदान की गयी है. धारा 152 के तहत कार्यपालक पदाधिकारी ऐसे लोगों या संस्था के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए पोस्टर तख्ती को हटा सकता है जिसके द्वारा बगैर अनुमति के बैनर, पोस्टर, फ्रेम, इश्तहार, छतरी,रचना, आदि लगाया गया हो. क्या है दर बैनर-पोस्टर, तोरण द्वार लगाने के लिए कर का निर्धारण किया गया है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति विभिन्न प्रकार के बैनर-पोस्टर व तोरण द्वार लगाने के लिए नगर परिषद से एक वर्ष तक निबंधन करा सकता है. इसके लिए शुल्क का निर्धारित किया गया है. बैनर पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति या संस्था चाहें तो साप्ताहिक आधार पर पांच रुपये प्रति वर्ग फिट के हिसाब से अपने कर का भुगतान कर सकते हैं, जबकि तोरण द्वार के लिए तीन दिन के लिए एक हजार रुपये की राशि का निर्धारण नप के द्वारा किया गया है. कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि किसी भी प्रकार के जुर्माने की वसूली मौखिक रूप से नहीं की जा रही है. इसके लिए नगर परिषद ने जुर्माना की राशि तय कर रखी है.

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