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बांस के आस पर टिकी है ओमनगर में वद्यिुत आपूर्ति की सांस

बांस के आस पर टिकी है ओमनगर में विद्युत आपूर्ति की सांसगोदरेज के जिम्मे थी तार बिछाने की जिम्मेवारीकार्यरत एजेंसी के कार्यादेश की तिथि हो चुकी है पूरी फोटो:9- पोल पर उलझे तार फोटो:10- बांस के सहारे खींचा गया तार फोटो:11- पेड़ के सपोर्ट से खींचा गया बिजली का तार प्रतिनिधि, अररियाशहर के ओमनगर वार्ड […]

बांस के आस पर टिकी है ओमनगर में विद्युत आपूर्ति की सांसगोदरेज के जिम्मे थी तार बिछाने की जिम्मेवारीकार्यरत एजेंसी के कार्यादेश की तिथि हो चुकी है पूरी फोटो:9- पोल पर उलझे तार फोटो:10- बांस के सहारे खींचा गया तार फोटो:11- पेड़ के सपोर्ट से खींचा गया बिजली का तार प्रतिनिधि, अररियाशहर के ओमनगर वार्ड संख्या आठ के लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए विद्युत की व्यवस्था बांस के खंभा पर आधारित है. जिस प्रकार से बिजली का तार बांस के सहारे खड़ा है वह किसी ने किसी दिन बड़े हादसे का कारक बन सकता है. वार्ड वासी अपने हाल का रोना भी रोये तो किसके पास. एनएच 327 ई के बगल में विद्युत विभाग के इस लापरवाही का नजारा स्पष्ट देखने को मिल जाता है. हालांकि ओमनगर वार्ड संख्या आठ के बगल में विगत कई माह पूर्व ही पोल गाड़ा गया है. लेकिन अब तक उन पोलों पर बिजली का तार नहीं बिछ पाया है. बिजली विभाग की मनमानी से हो रही लोगों को परेशानी वार्ड संख्या आठ के लोगों की मानें तो वार्ड में कवर्ड वायर बिछाने की जिम्मेवारी गोदरेज कार्य एजेंसी के जिम्मे है. लेकिन कार्यरत एजेंसी द्वारा कार्य में शिथिलता बरती जा रही है. जानकारी अनुसार कार्यरत एजेंसी की तय सीमा समाप्त हो चुकी है. लेकिन अब तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है. वार्ड में कहीं पेड़ों पर तो कहीं बांस के सहारे बुरी प्रकार से उलझे तार इस बात का प्रमाण दे रहा है कि शहर के वार्ड संख्या आठ के लोगों की जिंदगी किस प्रकार से बांस के सहारे अटकी हुई है. तार के भार से बांस के खंभा भी बुरी प्रकार से झुक चुका है. झुके बांस के सहारे टिका हुआ तार बरबस ही वार्ड वासियों के परेशानी को बयां कर रहा है. वार्ड संख्या आठ निवासी बबलू कुमार ने बताया कि बिजली विभाग की मनमानी का यह आलम है कि शहर के सभी वार्डों में लगभग पोल गाड़ कर कवर्ड वायर लगाने का काम पूरा हो चुका है. लेकिन कार्य एजेंसी के द्वारा न तो वार्ड में कवर्ड वायर खींचा गया है ना ही वार्ड में ट्रांसफॉर्मर को ही दुरुस्त किया गया है. प्रोजेक्ट कार्यपालक अभियंता एस के सिन्हा ने बताया कि पोल गाड़ने के वक्त कुछ लोगों द्वारा अपने जमीन पर पोल गाड़ने को ले आपत्ति जतायी गयी थी. हालांकि वह परेशानी अब दूर हो चुकी है. पोल भी गाड़ा जा चुका है. लेकिन अब तक कार्यरत एजेंसी द्वारा बिजली का तार नहीं खींचा गया. रिंकु कुमार ने बताया कि वार्ड से गुजरने वाली एनएच के बगल में तो पोल गाड़ा जा चुका है. लेकिन अब भी वार्ड के अंदर पोल तक गाड़ा नहीं गया है. जिस दिन बांस का खूंटा टूटेगा उस दिन या तो बड़ा हादसा होगा और फिर कई दिनों तक बिजली व्यवस्था भी बाधित रहना तय है. रतन कुमार ने बताया कि वार्ड वासी को एक तरफ बिजली विभाग के मनमानी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ हमेशा खौफ के साये में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग की मनमानी के कारण न तो ससमय बिजली का बिल मिल पाता है. न ही कनेक्शन लेने के बाद अब तक कई घरों में मीटर ही लगाया गया है. एक बारगी मनमाने तरीके से बिल भेज दिया जा रहा है, जो कि नाहक परेशानी का सबब बन जाता है. क्या है मामलाबिजली विभाग के द्वारा वार्ड में पोलों पर कवर्ड वायर बिछाने का जिम्मा पूरे जिले में गोदरेज व विजय इलेक्ट्रॉनिक्स को प्राप्त था. अररिया नप क्षेत्र में पोल को दुरुस्त कर कवर्ड वायर बिछाने की जिम्मेवारी भी उसे ही दी गयी थी. जो उसे दिसंबर 2015 तक पूरा करना था. लेकिन एजेंसी ससमय काम को पूरा नहीं कर पाया. इसके पीछे सड़क के अतिक्रमण को लेकर तो कुछ भू स्वामियों के आपत्ति के कारण मामला पेंच में फंस गया. जिसे बाद में डीएम व सिविल एसडीओ के पहल के बाद सुलझा लिया गया. लेकिन अब पेंच यहां आ कर फंस रहा है कि अब बांस के खूंटे के स्थान पर गाड़े गये पोल पर तार कौन बिछायेगा. क्या कहते हैं विद्युत विभाग के पदाधिकारी इस संबंध में कनीय अभियंता राम लखन राम ने बताया कि कार्यरत एजेंसी व सड़क अतिक्रमण के कारण मामला फंस गया था. इस मामले को डीएम व सिविल एसडीओ के पहल के बाद सुलझा लिया गया है. कार्यरत एजेंसी बांकी बचे कार्य को शीघ्र समाप्त कर लेगी. इधर विद्युत विभाग के प्रोजेक्ट कार्यपालक अभियंता एस के सिन्हा के अनुसार कार्यरत एजेंसी गोदरेज का काम दिसंबर 2015 को ही समाप्त हो गया है . उन्होंने बताया कि जहां पोल गाड़े गये हैं वहां पर केबल पूर्व कार्यरत एजेंसी बिछा रही है. जो कि त्वरित गति में पूरा किया जा रहा है. बचे कार्य को पूरा करने की जिम्मेवारी नयी एजेंसी को दिया गया है. शहरी क्षेत्र में आइपीडीएस केबलिंग काम को पूरा करेगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में केबल बिछाने का काम डीडीजीवाय के द्वारा संपादित होगा.

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