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डीएम से ओवरलोड वाहनों के परिचालन की मांग

डीएम से ओवरलोड वाहनों के परिचालन की मांग प्रतिनिधि, किशनगंजराष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता नियम व कानून को ताक पर रख कर ट्रकों एवं डंपरों में ओवरलोड वाहनों के परिचालन की इजाजत चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने लेटर हेड पर किशनगंज जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है. उन्होंने कार्य बाधित […]

डीएम से ओवरलोड वाहनों के परिचालन की मांग प्रतिनिधि, किशनगंजराष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता नियम व कानून को ताक पर रख कर ट्रकों एवं डंपरों में ओवरलोड वाहनों के परिचालन की इजाजत चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने लेटर हेड पर किशनगंज जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है. उन्होंने कार्य बाधित होने का हवाला देते हुए डीएम से मांग करते हुए कहा कि एनएच327ई के चौड़ीकरण एवं मजबूती करण कार्य में लगे ट्रकों व डंपरों, जिससे गिट्टी, ईंट, बेडमिशाली आदि अन्य रॉ मेटेरियल ढोये जाते है. उन्हें चेकिंग के लिए नहीं रोका जाये. कार्यपालक अभियंता ने संवेदक का ट्रक होने की बात कह कर वाहनों की लंबी सूची भी पत्र के साथ सौंपी है.डीएम ने पत्र के आलोक में निर्गत किया निर्देश किशनगंज जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने भी आनन फानन में पत्र जारी कर डीटीओ, एसडीओ एवं ठाकुरगंज, गलगलिया, कुर्लीकोट, सुखानी, पाठामारी, पौआखाली, बहादुरगंज एवं कोचाधामन थानों को संवेदक द्वारा पर्युक्त किये जा रहे वाहनों के नंबर की सूची के उपलब्ध कराते हुए निर्देश दिया है कि उक्त ट्रकों की अनावश्यक रूप से जांच नहीं किया जाये. अब सबसे अहम सवाल यह है कि कार्यपालक अभियंता द्वारा संवेदक के ट्रकों की जांच नहीं करने की मांग करना एवं किशनगंज डीएम द्वारा अधीनस्थ पदाधिकारियों को उक्त ट्रकों की जांच नहीं करने का निर्देश देना कहां तक विधि सम्मत एवं न्याय संगत है. परिवहन विभाग के कानून में इस बात की इजाजत है कि सरकारी कार्य का संवेदक के ट्रकों को ओवर लोड करने की इजाजत है. साथ उन वाहनों के जांच के दायरे के बाहर रखा जा सकता है. किशनगंज बहादुरगंज रोड, ठाकुरगंज-अररिया रोड या ठाकुरगंज किशनगंज रोड इन सभी सड़कों पर चलने वाले ओवर लोड ट्रकों व डंफर में 90 फीसदी वाहनों में गिट्टी, बालू, बेडमिशाली एवं ईंट लदी होती है. ये सभी रॉ मेटेरियल संवेदक के ही साइड पर जाते है और सभी संवेदक कोई न कोई सरकारी व विकास योजनाओं के ही कार्य करते है. ऐसे में राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता द्वारा अनुशंसित मेसर्स सिंह एवं कैमेक इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्य में लगे वाहनों को जांच के दायरे से बाहर रखना कितना न्याय संगत है. दूसरी ओर ग्रामीण कार्य विभाग भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भी सरकारी व विकासोन्मूखी कार्य में बाधा पहुंचाने का हवाला देकर ओवर लोड की इजाजत मांगंगे तो क्या गलत होगा?

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