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नारी की ही गोद में पलती है जिंदगानी

नारी की ही गोद में पलती है जिंदगानीअपर जिला जन संपर्क कार्यालय के तत्वावधान में शुरू हुआ नुक्कड़ नाटकबिटिया के सम्मान पर 48 स्थलों पर होगा नाटक मंचनफोटो-12-नुक्कड़ नाटक पेश करते रंग कर्मी प्रतिनिधि, अररियाजिला पदाधिकारी के निर्देश पर जिले के महादलित बाहुल्य पंचायतों में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर बेटियों के सम्मान के प्रति […]

नारी की ही गोद में पलती है जिंदगानीअपर जिला जन संपर्क कार्यालय के तत्वावधान में शुरू हुआ नुक्कड़ नाटकबिटिया के सम्मान पर 48 स्थलों पर होगा नाटक मंचनफोटो-12-नुक्कड़ नाटक पेश करते रंग कर्मी प्रतिनिधि, अररियाजिला पदाधिकारी के निर्देश पर जिले के महादलित बाहुल्य पंचायतों में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर बेटियों के सम्मान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया जायेगा. इसी क्रम में शनिवार को स्थानीय नाट्य संस्था रेणु सांस्कृतिक मंच के रंग कर्मियों ने समाहरणालय परिसर में सूचना भवन के सामने नुक्कड़ नाटक का मंचन किया. रंग कर्मियों ने नाटक के माध्यम से ये स्पष्ट संदेश दिया कि नारी की ही गोद में पलती है जिंदगानी. लिहाजा बेटी भी उतने ही सम्मान की हकदार है जितना बेटा हो सकता है. भेदभाव सरासर अनुचित व देश के लिए घातक भी है. बताया गया कि बिटिया का सम्मान व स्वच्छता अभियान पर केंद्रित नाटकों का मंचन महादलित बाहुल्य पंचायतों में करना है. इसके लिए नौ प्रखंडों में कुल 48 स्थानों का चयन किया गया है. 10 दिनों में मंचन पूरा करना है. रेसम के नाट्य कर्मियों में निदेशक ओम प्रकाश सोनू के अलावा अमर आनंद, अन्नु कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, माधव वर्मा, मंजीत कुमार, रोशन कुमार, संजीव कुमार, मिथिलेश कुमार, आशीष कुमार, सन्नी कुमार, रोहित झा व अविनाश कुमार शामिल हैं. दिक्कत होगी खत्म,अब गुरु जी खोलवायेंगे स्कूली बच्चों का बैंक खातापांच लाख बच्चों का खुलना है खाता, खातों में जायेगी छात्रवृत्ति की राशिप्रतिनिधि, अररियास्कूली बच्चों के बैंक खाता खोलने में आ रही दिक्कतों को दूर करने का जिला प्रशासन ने एक नायाब तरीका ढूंढ लिया है. अब खोता खोलने में बच्चों या उनके अभिभावकों को बैंक अधिकारियों की मिन्नत नहीं करनी पड़ेगी. बल्कि ये जिम्मा अब विद्यालय के प्रधानाध्यापक उठायेंगे. प्रधान ही बच्चों पहचान व निवास का प्रमाण पत्र भी देंगे. ये प्रमाण पत्र बैंक में मान्य होगा. डीएम ने बताया कि लगभग छह लाख 25 हजार स्कूली बच्चों में से एक लाख का खाता खोला जा सका है. पांच लाख खाता खुलना है. 18 जनवरी तक खाता खुल जाना है. ताकि छात्रवृति की राशि सीधे बच्चों के खातों में भेजी जा सके.उन्होंने कहा कि बैठक में बैंक अधिकारियों ने अपनी समस्याएं रखीं. वहां कर्मियों की कमी है. जिले में लगभग 120 बैंक शाखाएं हैं. ऐसी परिस्थिति में निर्धारित समय तक सामान्य प्रक्रिया के तहत सभी खाता खोलना मुमकिन नहीं है. लिहाजा तय पाया कि इस काम में विद्यालय के प्रधान सहयोग करेंगे. ये भी तय हुआ कि तत्काल स्कूली बच्चे के माता, पिता का बैंक खाता भी मान्य होगा. बाद में बच्चे का खाता खोलना होगा.उन्होंने बताया कि अब विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने स्कूल के उन बच्चों की सूची बनायेंगे जिनका खाता नहीं खुला है. उनकी भी सूची बनेगी जिन मां या पिता के नाम भी कोई खाता नहीं है. ऐसे बच्चों की सूची बना कर वे नजदीकी बैंक से खाता खोलने का फार्म लेकर बच्चों की विवरणी दर्ज करेंगे. निवास व पहचान के लिए प्रधान ही सादा कागज पर अपना मुहर लगा कर प्रमाण पत्र जमा करेंगे. बैंक इसी आधार पर खाता खेलेगा. इसकी तफसील एक्सेल शीट में प्रधानाध्यापक को दे दी जायेगी. पासबुक मिलने में थोड़ा समय लग सकता है.डीएम से बंदोबस्ती की गुहारअररिया. रानीगंज अंचल में बरबन्ना मौजा की एक सरकारी जमीन पर दखल कार गरीब महिला ने जिला पदाधिकारी दस जमीन को बंदोबस्त करने के लिए अंचलाधिकारी को निर्देश देने की गुहार लगायी है. आवेदिका उर्मिला देवी द्वारा डीएम को दिये गये आवेदन में कहा गया है कि उसका परिवार खाता 670 व खेसरा 155 पर दशकों से दखल कार है. उस भूमि पर उसके परिवार का घर बना हुआ है. वृक्ष आदि भी लगा हुआ है. ऐसी स्थिति में उसके नाम से बंदोबस्ती होनी चाहिए. पर कर्मचारी व अंचलाधिकारी प्रस्ताव भेजने में टाल मटोल कर रहे हैं.

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