शताब्दी योजना के प्रति जागरूकता की कमी, बहुत लाभकारी है योजना
Advertisement
श्रमिक की मौत पर परिजन को एक लाख का मुआवजा
शताब्दी योजना के प्रति जागरूकता की कमी, बहुत लाभकारी है योजना गुरुवार को जिलाधिकारी िहमांशु कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों को दी जानकारी अररिया : गुरुवार को मीडिया कर्मियों के साथ वार्ता के क्रम में डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिहार में रह कर काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए […]
गुरुवार को जिलाधिकारी िहमांशु कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों को दी जानकारी
अररिया : गुरुवार को मीडिया कर्मियों के साथ वार्ता के क्रम में डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिहार में रह कर काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार, शिल्पकार एक लाभकारी योजना है.
योजना अप्रैल 2011 से ही चल रही है. पर जिले में इसको लेकर जागरूकता का अभाव दिख रहा है. क्योंकि इस योजना के लाभ के लिए अब तक एक भी आवेदन नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी बीडीओ को अपने अपने प्रखंड क्षेत्रों से कम से कम पांच आवेदन प्राप्त करने का जिम्मा दिया गया है.
योजना की तफसील बताते हुए उन्होंने कहा कि ये केवल बिहार के उन श्रमिकों के लिए है जो अपने राज्य में ही रह कर काम करते हैं. आयु सीमा 18 से 64 वर्ष है. ऐसे श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिजनों को एक लाख का मुआवजा मिलता है. सामान्य मृत्यु पर 30 हजार, पूर्ण विकलांगता पर 75 हजार, आंशिक विकलांगता पर 37 हजार 500 सहायता राशि का प्रावधान है.
जबकि अस्पताल में सामान्य रोग के लिए भर्ती होने, असाध्य रोग के लिए भर्ती होने के लिए भी मुआवजा की अलग अलग राशि निर्धारित है. साथ ही श्रमिक के दो बच्चों को 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपये प्रति माह छात्रवृत्ति दिया जाता है. उन्होंने बताया कि महिला व पुरुष दोनों के लिए ही योजना है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement