अररिया : अररिया मंडल कारा के एक विचाराधीन कैदी को इलाज के क्रम में सदर अस्पताल में हथकड़ी व बेड़ी लगा कर रखना अस्पताल प्रशासन के लिए महंगा साबित हो रहा है. क्योंकि प्रभात खबर द्वारा इस खबर को प्रमुखता से छापने के बाद जहां जिला प्रशासन ने इसकी जांच करवायी थी. वहीं उसी समय […]
अररिया : अररिया मंडल कारा के एक विचाराधीन कैदी को इलाज के क्रम में सदर अस्पताल में हथकड़ी व बेड़ी लगा कर रखना अस्पताल प्रशासन के लिए महंगा साबित हो रहा है. क्योंकि प्रभात खबर द्वारा इस खबर को प्रमुखता से छापने के बाद जहां जिला प्रशासन ने इसकी जांच करवायी थी.
वहीं उसी समय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए अपने स्तर से इसकी जांच करवायी थी. पर अब इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने सिविल सर्जन को पटना तलब किया है. मंगलवार को उनकी पेशी होने की सूचना है.
गौरतलब है कि इसी साल जून महीने में जिले के रानीगंज प्रखंड के एक विचाराधीन कैदी अरविंद यादव मंडल कारा से सदर अस्पताल भेजा गया था. पर इलाज के क्रम में उसे सदर अस्पताल में हथकड़ी व बेड़ियों से जकड़ कर रखने का मामला पाया गया था. इस खबर को प्रभात खबर ने 27 जून को प्रमुखता से छापा था. गौरतलब है कि खबर छपने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
तत्कालीन डीएम ने सदर एसडीओ व डीएसपी से मामले की जांच करवायी थी. वहीं बताया जाता है कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी एक जांच दल भेजा था. अब खबर है कि इसी मामले में सिविल सर्जन को पटना तलब किया गया है. जिला स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए
बताया कि तमाम आवश्यक दस्तावेज व जांच रिपोर्ट के साथ सीएस डा एनके ओझा पटना रवाना हो रहे हैं. बताया गया कि एसडीओ व डीएसपी की जांच रिपोर्ट की कॉपी भी सीएस साथ ले जा रहे हैं. वहीं बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट में कैदी को दिमागी रूप से विक्षिप्त बताते हुए उसकी ही सुरक्षा के लिए कभी कभार हथकड़ी लगा कर रखने का उल्लेख किया गया था.