अररिया : पूर्णिया सदर थाना में कार्यरत एसआइ संजीव कुमार रजक की सड़क दुर्घटना में मौत की गुत्थी दिन ब दिन उलझती जा रही है. घटना के तीसरे दिन दिवंगत दारोगा के परिजनों ने घटना को किसी साजिश का नतीजा बताया. अररिया निवासी दारोगा के पिता रामचंद्र रजक ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में संजीव के अलावा पांच पुलिस कर्मी व एक कैदी के सवार होने की बात पूर्णिया थाना में कार्यरत संजीव के साथियों द्वारा बतायी गयी.
दुर्घटना में वाहन पर सवार अन्य लोगों को मामूली चोटें आयी हैं. जबकि इसी घटना में संजीव की मौत हो गयी. गौरतलब है ट्रक से वाहन के टकराने व इतनी गहरी खाई में वाहन के गिरने के बाद भी अन्य सवारों को कुछ नहीं हुआ. यह जांच का मामला है. उन्होंने उक्त कैदी के अब भी हवालात में होने की बात कही. इधर, दिवंगत दारोगा के बड़े भाई मुकेश कुमार रजक ने मामले में पुलिसिया कार्रवाई पर उंगली उठाते हुए कहा कि पुलिस कहती है कि संजीव की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी,
तो फिर आनन-फानन में बिना परिजनों के पहुंचे ही उनके शव का पोस्टमार्टम कैसे करा दिया गया. परिजनों का इंतजार क्यों नहीं किया गया. जबकि पोस्टमार्टम के लिए परिजनों की अनुमति पुलिस एक्ट के मुताबिक जरूरी है. दिवंगत दारोगा के भाई मुकेश कुमार रजक जो मोतिहारी प्रखंड के बनकटवा प्रखंड में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं ने कहा कि संजीव की मौत के पीछे एक बड़ा साजिश है. उन्होंने संजीव के साथियों द्वारा उसकी हत्या करने व मौत का ताना बाना बुन कर परिजनों को गुमराह करने का आरोप लगाया.