अररिया : गैड़ा पंचायत के उपमुखिया के अपहरण मामले में पंचायत के मुखिया, मुखिया पति, पुत्र व भांजा के विरुद्ध आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उपमुखिया ब्रज बिहारी सहनी के छोटे भाई धीरेंद्र सहनी के आवेदन पर नगर थाना में कांड संख्या 602/15 दर्ज किया गया है.
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मुखिया गुलशन आरा व पति मो इम्तियाज के विरुद्ध उपमुखिया ने घपला-घोटाले का आरोप लगाया था. जांचोपरांत मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. तब से मुखिया, मुखिया पति फरार चल रहे थे. इसी बात को लेकर वे लोग नाराज हो कर धमकी दिया करते थे कि इसका अंजाम ठीक नहीं होगा. आवेदन में दावा किया गया है
कि मुखिया गुलशन आरा, पति मो इम्तियाज, मुखिया का भांजा, जो पूर्णिया जिला के श्रीनगर थाना क्षेत्र के फरियानी गांव का निवासी है व इसके इसके अलावा तीन-चार अज्ञात अपराध कर्मियों ने हत्या की नीयत से उनके भाई का अपहरण किया है. इधर इस घटना को ले कर लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं.
बताना लाजिमी होगा कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि उपमुखिया की बरामदगी सिकटी थाना क्षेत्र के गदहाकाट गांव स्थित एक घर से की गयी. इस पूरे घटनाक्रम में प्राथमिकी के नामजदों की गिरफ्तारी नहीं की गयी. साथ ही पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि किसके घर से उसे बरामद किया गया.
घर के मालिक को पुलिस ने क्यों नहीं पकड़ा. लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि कहीं किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में तो पुलिस नहीं आ गयी है. सवाल यह भी है कि अपहरण के दौरान जिन दो वाहनों का प्रयोग किया गया उनमें एक भी वाहन पकड़े नहीं गये हैं. आखिर दोनों चार चक्का वाहन किसका था.
अपहरण कर्ताओं का सिकटी के गदहाकाट में क्या कनेक्शन था. हालांकि पुलिस प्रशासन हमेशा दावा करती है कि दोषी न बचे व निर्दोष नहीं फंसे. क्या गदहाकाट में घर से बरामद उपमुखिया को ले गृहस्वामी दोषी नहीं है. उसके पूछताछ में यह तथ्य सामने तो आ जाता है कि किस-किस ने उपमुखिया का अपहरण किया.
अपहरणकर्ताओं से उसके संबंध क्या हैं. इन तमाम मुद्दों का पुलिस खुलासा अगर नहीं करती है तो पारदर्शिता का कोई मायने नहीं रह जाता है. कहते हैं एसडीपीओ इस बाबत एसडीपीओ मो कासिम ने कहा कि उपमुखिया की बरामदगी हो गयी है. अनुसंधान चल रहा है. दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा.