व्यवसायी की हत्या पुराने रंजिश का परिणामअवैध संबंध भी बना व्यवसायी की हत्या का कारण प्रतिनिधि, अररिया कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के मेगरा निवासी व्यवसायी दयानंद साह के जघन्य हत्याकांड के हत्या का दूसरा आरोपी पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया. लेकिन व्यवसायी के हत्या को लेकर जो खुलासा आरोपी सुमित्रा देवी द्वारा की गई थी. ठीक वही बातें उसके पति भीम साह ने भी समर्पण के बाद पुलिस को बताया. हालांकि भूमि विवाद के कारण हत्या होने की बात कही जा रही है. लेकिन अनुसंधानकर्ता द्वारा अनुसंधान के क्रम में जो बात सामने आयी उसके पीछे के कारणों का खुलासा पुलिस के समक्ष आरोपी भीम साह ने किया. उसने स्पष्ट कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ व चरित्र हीनता भी व्यवसायी के हत्या का कारण बना. क्या था मामलाजाहिर है कि कुर्साकांटा थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद के मजबूत व सही दिशा में की गई अनुसंधान का परिणाम है कि व्यवसायी के जघन्य हत्याकांड के परदा के पीछे का सच सामने आ पाया. पुलिस की दबिश का ही नतीजा है कि नेपाल में रह रहा हत्यारा सामने आ गया. ज्ञात हो कि 12 अक्तूबर की रात में व्यवसायी दयानंद साह के अपहरण होने को लेकर उसकी पत्नी के द्वारा कुर्साकांटा थाना में कांड संख्या 128/15 दर्ज कराया गया. दर्ज प्राथमिकी में तीन को नामजद आरोपी बनाया गया. नामजद आरोपी में भीम साह उसकी पत्नी सुमित्रा देवी व राजेंद्र साह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे दिन मेगरा स्थित एक सुनसान स्थान पर घास की झाड़ी से मांस का लोथड़ा ग्रामीणों द्वारा देखा गया. पुलिस को खबर की गई. सूचना पाकर एसडीपीओ मो कासिम भी घटनास्थल पर पहुंचे. क्रमवार छह भागों में व्यवसायी के शरीर का अंग पुलिस को बरजान नदी व उसके आस -पास से मिला. पुलिस द्वारा हत्या के आरोपी सुमित्रा देवी की गिरफ्तारी कर ली गई. उसके हाथ पर दबिया के प्रहार के निशान पाये गये. एसडीपीओ के समक्ष सुमित्रा देवी ने हालांकि हत्या के कारणों का खुलासा कर दिया था. लेकिन पुलिस हत्या के कारणों के और तह तक जाना चाहती थी. इसलिए हत्या के अन्य आरोपी की तलाश करना आरंभ कर दिया. क्यों हुई थी व्यवसायी की हत्या व्यवसायी दयानंद साह की हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा करने में एसडीपीओ मो कासिम का भी योगदान अच्छा खासा रहा है. उनके नेतृत्व में थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद को हमेशा सही दिशा निर्देश दिया जाता रहा. हालांकि एसडीपीओ सही हत्यारे की तलाश में थे इसलिए सुमित्रा देवी की गिरफ्तारी को उसके बयान को जाहिर नहीं किया गया. भीम साह की गिरफ्तारी के बाद जो सच सामने आया भीम साह की पत्नी सुमित्रा देवी ने भी वही बयान एसडीपीओ के समक्ष दिया. अगमलाल साह व उगमलाल साह दोनों भाई हें. भीम साह, राजेंद्र साह व नंद किशोर साह जो कि अगमलाल साह का पुत्र है. उगमलाल साह ने दो शादी की पहली पत्नी से दयानंद साह व चार अन्य बहन जबकि दूसरी पत्नी से चार पुत्र हैं. उगमलाल साह ने अपने आठ बीघा जमीन को दो भागों में बांट दिया जिसमें से चार बीघा जमीन दयानंद साह के हिस्से आया, जबकि अगमलाल साह के हिस्से में जो जमीन थी उसने उसे अपने पुत्रों को बराबर भागों में बांट दिया. जमीन विवाद की बात उतनी नहीं थी कि बात हत्या तक आ जाती. दयानंद साह द्वारा महादलित बस्ती की एक महिला मंजू देवी के द्वारा भीम साह के ऊपर एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया. इस मामले में भीम साह को साढ़े सात माह तक जेल में रहना पड़ा. इधर केस का मेल जोल कराने के नाम पर दयानंद साह का अपने चचेरी भाभो सुमित्रा देवी से नजदीकी बढ़ा. यह नजदीकी का दौर ऐसा चला कि जेल से बाहर आने के बाद भी दयानंद साह व सुमित्रा देवी की नजदीकी बढ़ती रही. यह बात भीम साह को नागवार गुजर रहा था. इस बीच भीम साह को यह पता चल चुका था कि उसे जेल भेजने में दयानंद साह का भी हाथ हैं. वह दयानंद साह की हत्या की योजना बनाने लगा. उसे साथ मिला अपने सगे भाई राजेंद्र साह का. पति के जेल से आने के बाद दयानंद साह व सुमित्रा देवी की बातचीत मोबाइल पर होने लगी. दयानंद साह के मोबाइल संख्या 727085991 व सुमित्रा देवी अपने पति भीम साह के मोबाइल संख्या 9570574156 से बातचीत करती रही. हत्या वाले दिन भी दोनों की बात हुई थी जबकि भीम साह घर में नहीं होने का बहाना बना कर गायब था. दोनों की मुलाकात हुई ताक लगाये बैठे भीम साह ने अपने भाई को आवाज देकर बुलाया. बोरा में नहीं घुसा शरीर का अंग तो पहले पैर को काटा पुलिस के समक्ष भीम साह ने हत्या के कारणों का खुलासा किया. सुमित्रा देवी व दयानंद साह एक कमरे में थे. भीम साह ने पहले दबिया से दयानंद साह के गरदन पर हमला किया. बचाव करने के लिए सुमित्रा देवी ने हाथ बढ़ाया तो दबिया के प्रहार से उसे भी घायल कर दिया. सुमित्रा देवी को हत्या में सहयोग करने के लिए कहा नहीं तो उसे भी दयानंद साह के साथ मार डालने का धमकी दिया. फिर दबिया के वार से दयानंद साह को वहीं मार गिराया गया. बोरा में शव को डालने के क्रम में दयानंद साह का पैर बाधक बना तो हत्यारों ने पहले उसका दोनों पैर काटा. शरीर के बांकी के अंगों को घास के झाड़ी में ले जा कर काटा. बाद में शरीर के अंगों को नदी में बोरा समेत फेंक दिया गया. शरीर के अंगों को छह अलग-अलग हिस्से में काटा.अनुसंधान जारी रहेगाएसडीपीओ मो कासिम ने बताया कि मामला का उद्भेदन तो कर लिया गया है. लेकिन हत्या में और भी आरोपियों की संलिप्तता हो सकती है. इसके लिए थानाध्यक्ष को अनुसंधान जारी रखने का निर्देश दिया गया है. इस मामले के एक ओर आरोपी की जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जायेगी. इसके लिए पुलिस सक्रिय है.
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व्यवसायी की हत्या पुराने रंजिश का परिणाम
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