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मौलाना सैयद वली रहमानी सातवें अमीरे शरिअत

मौलाना सैयद वली रहमानी सातवें अमीरे शरिअत’अपनी मदद आप’ नीति पर करें अमल, बनें देने वाला, लेने वाला नहींबिहार चुनाव को लेकर भी रखी बात, कहा, करें देश की फिक्रविभिन्न राज्यों से आये उलेमाओं के साथ मंत्री, सांसद व विधायक भी थे मौजूदफोटो-15-चुनाव के दौरान मंच पर उपस्थित उलेमा व अन्य प्रतिनिधि, अररियारविवार को देश […]

मौलाना सैयद वली रहमानी सातवें अमीरे शरिअत’अपनी मदद आप’ नीति पर करें अमल, बनें देने वाला, लेने वाला नहींबिहार चुनाव को लेकर भी रखी बात, कहा, करें देश की फिक्रविभिन्न राज्यों से आये उलेमाओं के साथ मंत्री, सांसद व विधायक भी थे मौजूदफोटो-15-चुनाव के दौरान मंच पर उपस्थित उलेमा व अन्य प्रतिनिधि, अररियारविवार को देश के जाने-माने धार्मिक विद्वान मुंगेर निवासी मौलाना सैयद वली रहमानी को पटना के फुलवारी शरीफ स्थित इमारते शरिआ, बिहार, उड़ीसा व झारखंड का नया अमीरे शरिअत चुन लिया गया. जीरो माइल स्थित दारूल उलूम रहमानी में आयोजित चुनावी सत्र में चली आ रही परंपरा के मुताबिक उनका चुनाव सर्वसम्मति से हुआ. मौलाना वली रहमानी के नाम का प्रस्ताव सभाध्यक्ष मौलाना अब्दुल मतीन नौमानी ने रखा. वहीं उपस्थित लगभग 900 प्रतिनिधियों ने उनके नाम का समर्थन हाथ उठा कर किया. इस अवसर पर असम, यूपी व पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों व बिहार के विभिन्न जगहों से आये उलेमाओं के अलावा राज्य के मंत्री, सांसद व विधायक आदि भी मौजूद थे.चुनावी प्रक्रिया समाप्ति के बाद कार्यक्रम स्थल पर जहां अतिथियों ने नये अमीरे शरिअत को बधाई देते हुए उनके धार्मिक व सियासी सूझ-बूझ की जम कर प्रशंसा की. वहीं अमीरे शरिअत ने संस्था के काम को आगे बढ़ाने में लोगों के हर कदम पर सहयोग को आवश्यक बताया. उपस्थित लोगों को इमारते शरिआ व अमीर के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इमारते शरिया की स्थापना को लगभग एक सौ साल पूरे हो चुके हैं. संस्था अपने उद्देश्यों को लेकर मजबूती से आगे बढ़ रही है. देश में अल्पसंख्यकों को होने वाली कुछ कथित परेशानियों पर उन्होंने कहा कि बहुत सारे अन्य अल्पसंख्यक जमात अधिक परेशानी झेल चुके हैं. पर ये भी बड़ी बात है कि सेकुलर देश होने व अल्पसंख्यक होते हुए भी देश के मुसलमान अपने धर्म के अनुसार जिंदगी जी रहे हैं. इसमें इमारते शरिआ जैसी संस्थाओं का अहम रोल है. उन्होंने कहा कि हमें अपने साथ-साथ देश की भी फिक्र करनी होगी. हम ऐसा करते भी रहे हैं. अन्य पीड़ितों की मदद करना भी हमारी जिम्मेदारी बनती है. शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए अपनी मदद आप नीति पर अमल करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार व जन प्रतिनिधियों पर हर बात के लिए निर्भर करना ठीक नहीं है. हमे अपनी मदद आप करने चाहिए. जरूरत पड़ने पर संस्थाएं खोलनी चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने पटना के रहमानी-30 का हवाला देते हुए कहा कि वहां के बच्चे बेहतर परिणाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमे देने वाला बनना चाहिए, लेने वाला नहीं.उन्होंने शादी विवाह व मकान आदि बनाने में किये जाने वाले अनावश्यक खर्चों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इन खर्चों में कटौती कर अच्छे कामों में लगाना चाहिए. मुसलमानों के बीच मसलकी यानी पंथ भेद पर कहा कि इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन मुफ्ती सोहराब आलम ने किया. धन्यवाद ज्ञापन इमारते शरिआ के नाजिम मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने किया. इस अवसर पर सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी, राज्य के मंत्री अब्दुल गफूर के अलावा मौलाना अबु तालिब रहमानी, मौलाना हुस्ने कादरी, मौलाना मो फरीद, मौलाना नजरे हफीज सहित दर्जनों उलेमाओं ने अपने विचार व्यक्त किये. सेकुलरिज्म का एकतरफा ढिंढोरा सही नहींफोटो:16- अमीरे शरिअत मौलाना सैय्यद वली रहमानी.प्रतिनिधि, अररियारविवार को आयोजित सभा में इमारते शरिआ के नव निर्वाचित अमीरे शरिअत ने बिहार विधान सभा चुनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सेकुलरिज्म का सफर अभी पूरा नहीं हुआ है. अधूरा है. कार्यक्रम के दौरान कुछ वक्ताओं द्वारा दिये गये बयानों का हवाला देते अमीरे शरिअत मौलाना वली रहमानी ने कहा कि ये कहना सही नहीं कि चुनाव के बाद बिहार में सेकुलरिज्म कामयाब हो गया. ये तब कामयाब व सफर पूरा माना जायेगा, जब न्यायिक सेवाओं व प्रशासनिक सेवाओं सहित अन्य महकमों में भी अल्पसंख्यक समुदाय को वाजिब हिस्सेदारी मिलेगी.

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