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पेंशन योजना के लाभ के लिए फर्जी आवेदकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

पेंशन योजना के लाभ के लिए फर्जी आवेदकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी बिचौलिये की मदद से अयोग्य लाभुक भी कर रहे पेंशन के लिए आवेदन विकलांगता प्रतिशत के निर्धारण में सामने आ चुकी है कई खामियां प्रतिनिधि, अररिया फर्जी तौर पर सरकार द्वारा प्रदत्त विभिन्न पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का खेल प्रखंड […]

पेंशन योजना के लाभ के लिए फर्जी आवेदकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी बिचौलिये की मदद से अयोग्य लाभुक भी कर रहे पेंशन के लिए आवेदन विकलांगता प्रतिशत के निर्धारण में सामने आ चुकी है कई खामियां प्रतिनिधि, अररिया फर्जी तौर पर सरकार द्वारा प्रदत्त विभिन्न पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का खेल प्रखंड क्षेत्र में बदस्तूर जारी है. प्रखंड कार्यालय में सक्रिय बिचौलिये बड़े शातिर अंदाज से अयोग्य लोगों को भी पेंशन योजना का लाभ उपलब्ध कराने के खेल को अंजाम दे रहे हैं. इतना ही नहीं विकलांगता प्रमाण पत्र के निर्माण व विकलांगता प्रतिशत के निर्धारण को लेकर कई शिकायतें सामने आयी हैं. फरजी आवेदकों की वजह से कार्यालय कर्मियों को सही और गलत आवेदकों के चयन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विकलांगता प्रतिशत के निर्धारण में घोर अनियमितता मालूम हो कि विकलांगता पेंशन का लाभ के लिए कम से कम 40 प्रतिशत विकलांगता होना अनिवार्य है. जानकारी मुताबिक साधारण मोच व टूट-फूट के बाद भी आवेदक 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता का प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं. कई आवेदक तो ऐसे हैं जो ओवर राइटिंग कर प्रतिशत को बढ़ा कर पेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं. हालांकि इस संबंध में प्रखंड प्रशासन ने दिनांक 19 सितंबर 2015 को पत्र लिख कर पीएचसी प्रभारी, सदर एसडीओ, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक सहित जिला पदाधिकारी को उक्त समस्या से अगवत कराया था. पत्र के आलोक में महीने के 15 व 30 तारीख को स्थानीय पीएचसी के भंडार पाल को मूल निर्गत पंजी के साथ प्रखंड कार्यालय में उपस्थित होने की व्यवस्था की गयी है. ताकि मूल पंजी से विकलांगता प्रतिशत का मिलान कर सही आवेदकों को चिह्नित किया जा सके. पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ी है आवेदकों की संख्या आवेदकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी के लिए आगामी पंचायत चुनाव को भी एक कारण माना जा रहा है. जानकारों की मानें तो चुनाव में मतदाताओं को रिझाने व खुश करने के लिए संभावित प्रत्याशी अथवा वर्तमान प्रतिनिधि यह हथकंडा अपना रहे हैं. बताया जाता है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत दिये जाने वाले विभिन्न पेंशन योजना के लिए पूर्व में 30 से 40 आवेदन रोजाना प्रखंड कार्यालय को प्राप्त होता था. जिसकी संख्या फिलहाल 300 से भी ज्यादा हो चुकी है. प्राप्त आवेदनों में गैड़ा, रामपुर मोहनपुर पश्चिम, पोखरिया, बांसबाड़ी के आवेदकों की संख्या ज्यादा बतायी जाती है. विकलांगता प्रमाणपत्र के निर्माण में है बिचौलिया सक्रिय विकलांगता प्रमाण पत्र के निर्माण में इन दिनों बिचौलियों की सक्रियता स्पष्ट है. जिस तरह से साधारण टूट फूट के लिए भी प्रमाणपत्र जारी किये जा रहे हैं. यह प्रमाणपत्र के निर्माण में गड़बड़ी की बात को स्पष्ट करता है. सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक प्रमाणपत्र के लिए आवेदकों से 500 से 1000 रुपये तक की मांग की जाती है. बहरहाल एक ही आवेदक द्वारा विभिन्न पेंशन योजनाओं के लिए आवेदन सहित साधारण टूट फूट होने पर विकलांगता पेंशन के लिए फर्जी आवेदकों की बढ़ती संख्या के कारण वास्तविक लाभुकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना प्रखंड क्षेत्र में कठिन होता जा रहा हैं.कहते हैं बीडीओइस मामले में बीडीओ रतन कुमार दास ने कहा कि फर्जी आवेदकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. प्रखंड प्रशासन इसे लेकर सजग है. ऐसे आवेदकों की पहचान के लिए कर्मियों को कई दिशा निर्देश दिये गये हैं. साथ ही आवेदकों के सभी प्रमाण पत्र के व्यापक जांच के बाद ही उन्हें स्वीकृति दी जा रही है.

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