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जय प्रकाश नगर स्थित मां दुर्गा करती है भक्तों को मनोरथ पूरी

अररिया : जय प्रकाश नगर वार्ड संख्या सात में अररिया कॉलेज के समीप 38 वर्षों से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. नव दुर्गा कला मंदिर के नाम से प्रख्यात इस मंदिर की स्थापना को लेकर कई प्रकार की किंवदंती है. लेकिन इस मंदिर की खासियत यह है कि जो भी भक्त श्रद्धा […]

अररिया : जय प्रकाश नगर वार्ड संख्या सात में अररिया कॉलेज के समीप 38 वर्षों से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. नव दुर्गा कला मंदिर के नाम से प्रख्यात इस मंदिर की स्थापना को लेकर कई प्रकार की किंवदंती है. लेकिन इस मंदिर की खासियत यह है कि जो भी भक्त श्रद्धा के साथ मां के दरबार में मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है.

इसी का नतीजा है कि मां का ख्याति चारों और फैल चुका है. स्वप्न में आयी प्रेरणा के बाद स्थापित हुआ मां का मंदिरसात जुलाई 1977 को मां की स्थापना एक छोटे कृषक भदै ऋषिदेव के द्वारा की गयी थी. इस संबंध में कमेटी के सदस्य कैलाश ऋषिदेव ने बताया कि भदै ऋषिदेव को रात में मां दुर्गा ने स्वप्न में आ कर कहा कि वे अपनी जमीन पर उनकी मूर्ति की स्थापना करो. सभी का कल्याण होगा. ऐसा करने पर गांव में सुख शांति आयेगी.

मां के निर्देश पर भदै ऋषिदेव ने फूस के घर में मां की मूर्ति की स्थापना कर पूजा शुरू किया. मां दुर्गा की पूजा के प्रारंभ होने के साथ ही गांव में खुशहाली आयी. धीरे-धीरे ग्रामीणों के द्वारा सामूहिक रूप से चंदा एकत्र कर धूम-धाम से पूजा किया जाने लगा. मां की चर्चा फैली और अब इस मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने फारबिसगंज से भी भक्त आते हैं. वर्ष 2004 में लोगों के द्वारा सामूहिक प्रयास के बाद फूस का घर पक्का के दीवार में खड़ा हो गया.मां को दिया जाता है छागर का चढ़ावा वर्ष 1977 से ही यहां मां दुर्गा को नवमी के दिन छागर का चढ़ावा दिया जाता है.

जयनगर महथावा के पंडित श्यामा नंद झा ने बताया कि मां भक्तों की मनोरथ को पूरा करती है. पहले तो कम संख्या में छागर का चढ़ावा दिया जाता था. लेकिन अब इसकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. आज 60 से 70 की संख्या में भक्त अपने मनोरथ के सिद्ध होने के बाद मां के दरबार में छागर की बलि देने पहुंचते हैं.मनोकामना पूरी होने पर दूर दराज के भक्त करते हैं विशेष पूजासबकी मनोकामना सिद्ध करने वाली माता का प्रादुर्भाव ऐसा है कि भक्त दूर-दूर से आ कर मां को विशेष चढ़ावा करते हैं. कमेटी के उप सचिव अशोक ऋषिदेव ने बताया कि फारबिसगंज के सोनू कुमार ने सप्तमी को ग्यारह किलो लड्डू का भोग चढ़ाया.

शिवपुरी निवासी विमलेश झा, मुम्बई के व्यवसायी, शिक्षक भास्कर कुमार, सूर्या उद्योग के दीपक कुमार नवमी का विशेष भोग का खर्च वहन करते हैं. इसी प्रकार लोगों की आस्था में भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है. देखा जाये तो ऋषिदेव समुदाय के द्वारा प्रारंभ किया गया यह पूजा अब सामूहिक रुप से मनाया जाने लगा है.मूर्ति निर्माण को लेकर निर्धारित है मूर्तिकार 38 वर्षों से मंदिर में मूर्ति का निर्माण का कार्य पटेगना पलासी के मूर्तिकार कृष्ण लाल पंडित के द्वारा किया जाता है.

जबकि अब उनकी उम्र काफी हो चुकी है. कुमोद पासवान ने बताया कि उनके बाद मूर्ति का निर्माण उनके वंशज के द्वारा किया जायेगा. जब तक मूर्ति कार खुद अपनी स्वेच्छा से मूर्ति बनाने का काम नहीं छोड़ेंगे तब तक कलाकार नहीं बदला जायेगा. कमेटी के द्वारा ऐसा प्रावधान निर्धारित है.कमेटी है सक्रियनव दुर्गा कला मंदिर के द्वारा शिव दुर्गा परिवार शांति समिति का निर्माण किया गया है.इस कमेटी के द्वारा हर वर्ष राशि के खर्च का ब्योरा सार्वजनिक किया जाता है.

नवमी दशमी को आज भी यहां पारंपरिक लोक नृत्य का मंचन किया जाता है. जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक नाटक का आयोजन कमेटी कराता है. कमेटी के अध्यक्ष विकास ऋषिदेव, सुरेश ऋषिदेव, कोषाध्यक्ष ब्रजेश कुमार, सलाहकार प्रदीप ऋषिदेव, परमानंद ऋषिदेव, उमाशंकर चौधरी, गणेश लाल भारती, वीरेंद्र ऋषिदेव, कुमोद पासवान, अशोक ऋषिदेव, अजय कुमार आदि सक्रिय रुप से मां के पूजा को संपन्न कराने में लगे रहते हैं.

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