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नगर परिषद की अनुमति के बगैर बनाया भवन तो होगी कार्रवाई

नगर परिषद की अनुमति के बगैर बनाया भवन तो होगी कार्रवाईजिले में नप की स्वीकृति बिना बन रहे 107 नव निर्माण चिह्नितनोटिस देकर मांगा गया है जवाबकार्यपालक पदाधिकारी मामले में ले रहे हैं रुचिमापदंड के तहत नहीं आने वालों के प्रति कार्रवाई तय प्रतिनिधि, अररिया नगर परिषद अररिया को क्षेत्र में 107 ऐसे भवनों के […]

नगर परिषद की अनुमति के बगैर बनाया भवन तो होगी कार्रवाईजिले में नप की स्वीकृति बिना बन रहे 107 नव निर्माण चिह्नितनोटिस देकर मांगा गया है जवाबकार्यपालक पदाधिकारी मामले में ले रहे हैं रुचिमापदंड के तहत नहीं आने वालों के प्रति कार्रवाई तय प्रतिनिधि, अररिया नगर परिषद अररिया को क्षेत्र में 107 ऐसे भवनों के निर्माण होने की सूचना मिली है जिसके निर्माण को लेकर गृह स्वामियों के द्वारा नगर परिषद से अनुमति नहीं ली गयी है. हालांकि यह मामला तब सामने आया जब टैक्स दारोगा व टैक्स कलेक्टर होल्डिंग टैक्स वसूली के क्रम में संबंधित वार्ड पहुंचे. उन्होंने पाया कि नगर परिषद के अनुमोदन के बिना ही भवन निर्माण का कार्य जारी था. टैक्स कलेक्टर व टैक्स दारोगा के रिपोर्ट के आधार पर अब इन 107 लोगों के विरुद्ध कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया है. एक सप्ताह के अंदर निर्माण करा रहे भवन मालिकों से बिना अनुमति के कार्य प्रारंभ कराने को लेकर जवाब मांगा गया है. नव निर्माण के लिये लेनी पड़ती है अनुमतिनगर परिषद के अंतर्गत किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के लिए नक्शा बना कर नगर परिषद से स्वीकृति लेने का प्रावधान है. बिहार भवन उप विधि 2014 के तहत तय नियामवली के आधार पर सभी प्रकार के नव निर्माण के लिए स्वीकृति आदेश के लिए मापदंड निर्धारित है. नगर परिषद के पंजीकृत आर्किटेक्ट नक्शा की जांच कर नगर परिषद को निर्माण कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दने की अनुशंसा करते हैं. वैसे तो उप विधि 2014 के तहत जारी गाइड लाइन में नव निर्माण को लेकर कई प्रकार के नियमों का निर्धारण है. लेकिन मुख्यत: निर्माणकर्ता को नक्शा बनाने के लिए कॉमर्शियल व रेसिडेंसियल के लिये अलग-अलग टैक्स राशि को भुगतान करना पड़ता है. नक्शा के आधार पर नगर परिषद ये भी निर्धारण करती है कि कही हो रहे निर्माण कार्य से नगर परिषद को आगे चल कर कोई नुकसान तो नहीं हो सकता है. बिजली, पेयजल से लेकर एलपीजी सिलेंडर रखने व पौधा लगाने तक लिए उप विधि 2014 में नियमों का निर्धारण है. इन वार्डों में हो रहा है अवैध निर्माण जिले के 29 वार्डों में से प्रथम चरण के जांच में 18 वार्डों को चिह्नित किया गया है. जहां अनुमति बगैर 107 लोगों द्वारा निर्माण कार्य चलाये जाने का रिपोर्ट टैक्स दारोगा व टैक्स कलेक्टर के द्वारा नगर परिषद को दिया गया है. इनमें वार्ड संख्या एक में 09,वार्ड संख्या चार में दस, वार्ड संख्या पांच में 04, वार्ड संख्या 06 में 14, वार्ड संख्या आठ में 06, वार्ड संख्या नौ में 11, वार्ड संख्या 12 व 13 में दस, वार्ड संख्या 15 में पांच, वार्ड संख्या 17 में पांच, वार्ड संख्या 18 में सात, वार्ड संख्या 19 में पांच, वार्ड संख्या 21 में तीन, वार्ड संख्या 25 में एक, वार्ड संख्या 26 में पांच, वार्ड संख्या 27 में पांच, वार्ड संख्या 28 में दो व वार्ड संख्या 29 में पांच लोगों के नाम अवैध निर्माणकर्ता में शामिल है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश पर 12 अक्तूबर को नोटिस निर्गत कर इनसे नोटिस मिलने के एक सप्ताह के अंदर कार्यालय में जवाब देने के लिये कहा गया है. क्या होगी कार्रवाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में होने वाले किसी भी प्रकार के नव निर्माण के लिए नगर परिषद के पंजीकृत आर्किटेक्ट से अनुशंसा के बाद नगर परिषद से स्वीकृति लेना आवश्यक है. अनुमति लिए बगैर निर्माण करा रहे 107 लोगों को प्रथम जांच में चिह्नित किया गया है. इनको पहला नोटिस किया गया है. नोटिस अवधि के अंदर में अगर इनके द्वारा नगर परिषद से स्वीकृति ले ली जाती है. तो प्रथम दृष्टया कार्रवाई से ये बच जायेंगे. स्वीकृति नहीं लेने वालों को दूसरा नोटिस जारी कर तीन दिनों का समय दिया जायेगा. इस पर भी अगर कोई जवाब नगर परिषद को नहीं मिला तो आदेश पारित कर अवैध निर्माणकर्ता के विरुद्ध 2007 की धारा 313, 314 का उल्लंघन माना जायेगा. साथ ही बिहार भवन उप विधि के तहत भी प्राथमिकी दर्ज होगी. आरोप सिद्ध होने पर भवन को नगर परिषद तोड़ भी सकती है.

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