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रेफरल अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत

रेफरल अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत फोटो 13 केएसएन 3रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ -एक माह से अस्पताल में जीवन रक्षक दवा नहीं रहने से रोगी परेशानप्रतिनिधि, छत्तरगाछरेफरल अस्पताल छत्तरगाछ में इन दिनों जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है, जिस कारण रोगियों के परिजनों को बाहर से दवा खरीदारी करनी पड़ती है. प्राप्त जानकारी के […]

रेफरल अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत फोटो 13 केएसएन 3रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ -एक माह से अस्पताल में जीवन रक्षक दवा नहीं रहने से रोगी परेशानप्रतिनिधि, छत्तरगाछरेफरल अस्पताल छत्तरगाछ में इन दिनों जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है, जिस कारण रोगियों के परिजनों को बाहर से दवा खरीदारी करनी पड़ती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ के ओपीडी में पिछले एक वर्ष के दौरान मरीजों में काफी वृद्धि हुई है. बुढ़नई, छत्तरगाछ, सारोगोड़ा, रायपुर, भोटाथाना तथा कोल्था पंचायत के रोगी अपना इलाज कराने के लिए यहां आते है. लेकिन विगत एक माह से अस्पताल में जीवन रक्षक दवा नहीं रहने से खास कर गरीब तबके के मरीजों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. मजबूरन मरीज के परिजनों को बाहर से दवाई खरीदने के लिए विवश होना पड़ता है. ज्ञात हो कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के आलोक में प्रत्येक रेफरल अस्पताल में इंडोर में 112 तथा ओपीडी में 23 प्रकार के जीवन रक्षक दवा हमेशा उपलब्ध सुनिश्चित करने का निर्देश है. रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ में इन दिनों ओपीडी में एन्टॉक्सीड, कैलशियम, परासेटामोल, अलबेंडाजोल, सिप्रोफलोक्सासीन, डाइक्लोफनैक सोडियम,, मेट्रोनिडाजोल टेबलेट तथा कफप सिरफ, एएआरवी इंजक्शन, टेटनस टॉक्साइड इंजेक्शन आदि दवाईयों का घोर अभाव है. जबकि इंडोर में विटामिन बी कम्पलैकस सिरप, मेनीटोल इंजेक्शन 20 प्रतिशत अमीकासीन इंजेक्शन, मैग्निशियम सलफेट, डेक्सामेथाजोन, फेनीरामाइन इंजेक्शन सहित कई जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता होनी चाहिए. जबकि अस्पताल में उपस्थित मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा आई/इयर ड्राप, विटामिन, कैल्शियम की दवाओं सहित गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड टेबलेट तथा सिरप भी बाजार से खरीदने हेतु परर्ची लिखा जा रहा है. बताते चले कि जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के द्वारा गर्भवर्ती महिलाओं को आयरन युक्त फोलिक एसिड टेबलेट व सिरफ मुफ्त वितरण करने का निर्देश है. अस्पताल में आयरन युक्त दवा के अभाव के कारण गर्भवती महिलाओं को खून की कमी से जुझना पड़ रहा है. कहते हैं सीएस इस बाबत सीएस डा परशुराम ने बताया कि दवाई कंपनी का बिहार सरकार के पास 50 करोड़ रुपये का बकाया है. जिस कारण दवाई कंपनी दवाई सप्लाई बंद कर दिया है. हालांकि बिहार सरकार ने कंपनी को 35 करोड़ रुपये चुका दिया है.वहीं जीवन रक्षक दवा खरीदने के लिए प्रत्येक ब्लॉक को एक लाख रुपये की राशि भी उपलब्ध करा दिया गया है. ताकि लोकल स्तर पर दवाई खरीद कर तत्काल अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा सके. एक सप्ताह के अंदर सभी पीएचसी तथा अस्पतालों में दवाई की समस्या समाप्त हो जायेगी.

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