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अतिरक्ति स्वास्थ्य उप केंद्र अलता हाट बेहाल

अतिरिक्त स्वास्थ्य उप केंद्र अलता हाट बेहाल फोटो 8 केएसएन 3,6बदहाली बयां करता अलता उप स्वास्थ्य केंद्र भवन.चुनावी मुद्दाप्रतिनिधि, कन्हैयाबाड़ीकोचाधामन प्रखंड के छह शय्या वाला अतिरिक्त स्वास्थ्य उप केंद्र अलता हाट उपेक्षा का दंश झेल रही है़ यहां न तो डॉक्टर हैं न ओपीडी संचालक न महिला चिकित्सक न ही दवा. शुद्ध पेयजल की तो […]

अतिरिक्त स्वास्थ्य उप केंद्र अलता हाट बेहाल फोटो 8 केएसएन 3,6बदहाली बयां करता अलता उप स्वास्थ्य केंद्र भवन.चुनावी मुद्दाप्रतिनिधि, कन्हैयाबाड़ीकोचाधामन प्रखंड के छह शय्या वाला अतिरिक्त स्वास्थ्य उप केंद्र अलता हाट उपेक्षा का दंश झेल रही है़ यहां न तो डॉक्टर हैं न ओपीडी संचालक न महिला चिकित्सक न ही दवा. शुद्ध पेयजल की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती़ अस्पताल की सुरक्षा के लिहाज से अस्पताल तीन तरफ से जीर्ण-शीर्ण पक्की दीवार से घिरी है. पश्चिम दिशा में बिल्कुल ही खुला है जिस कारण अस्पताल परिसर में मवेशी प्रवेश कर घास चरते हैं. उप केंद्र में स्वास्थ्य कर्मी के रूप में सिर्फ दो एएनएम कार्यरत हैं जो प्राय: टीकाकरण के कार्य में व्यस्त रहते हैं, जिससे ओपीडी बंद रहता है़ बलगम जांच के लिए टेक्नीशियन सतीश कुमार झा तो हैं किंतु रोगी का पंजीकरण नहीं होने के कारण बाधा उत्पन्न हो रही है़ छह पंचायतों से आते हैं रोगीबता दें कि यह स्वास्थ्य उप केंद्र प्रखंड के कमलपुर, नजरपुर, बुआलदह, बगलबाड़ी, कुट्टी व हिम्मतनगर पंचायत के लगभग बीस हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली एक मात्र केंद्र है़, जहां पिछले दो वर्षों से डॉक्टर नहीं है बगैर महिला चिकित्सक के ही प्रसव व्यवस्था तत्कालीन सीएस आफाक अहमद लारी के निर्देशानुसार अनुभवी व ग्रेड ए नर्स मधु श्रीवास्तव के द्वारा शुररू करवायी गयी थी, जिसे सदर अस्पताल किशनगंज बुला लिया गया है़ अब एएनएम संगीता कुमारी के भरोसे प्रसव वार्ड संचालित हैं, किंतु जब वह टीकाकरण या अन्य जगह होती है तो प्रसव पीड़िता रोगी को किशनगंज ले जाया जाता है, जहां आनन-फानन में निजी क्लिनिक के झांसे में आकर हजारों रुपये खर्च करने को विवश हो जाते हैं. बताया जाता है कि जब यहां एएनएम रहती थीं, तो माह में 10-12 प्रसव कराये जाते थे और आज आलम यह है कि अचानक आवश्यकता पड़े, तो केन्द्र में प्राथमिक उपचार करने वाला कर्मी भी नहीं है़ं दूसरी एएनएम किरण कुमारी आरआई में चली जाती है़ं यह क्षेत्र कृषि प्रधान है जहां के लोग कृषि पर निर्भर रहने के कारण गरीबी के शिकार हैं. बावजूद यहां के जनप्रतिनिधियों ने कभी भी इसके सुधार में दिलचस्पी नहीं दिखायी. इस कारण यहां के लोगों में नेता व विभाग दोनों के प्रति नाराजगी है. दवा के लिए आये दावत अली, सोयेबुर्रहमान, संजर आलम, कैशर आलम आदि दर्जनों मरीजों का आरोप है कि हमलोग पिछले कई दिनों से खांसी व बुखार की दवा के लिए आ रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी के नहीं रहने के कारण दवा नहीं मिल पा रही है़ ड्यूटी पर तैनात चतुर्थवर्गीय कर्मचारी सत्येन्द्र प्रसाद सिंह व लोबिन प्रसाद ठाकुर का कहना है कि दवा वितरण व रोगी के पंजीकरण का दायित्व हमलोगों पर नहीं है़

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