17 जून को भी गये थे. संध्या सात बजे पूजा-अर्चना करते श्मशान भूमि पर गये तो पांच की संख्या में आये पुलिस बल गाली देते हुए जंगल की ओर ले जाने लगे. विरोध करने पर मारपीट करते हुए जेब से 25 हजार रुपये व सवा दो भर सोने का चेन छीन लिया.
सभी सिविल में थे. पीड़ित पवन कुमार सिंह ने आवेदन में कहा है कि जबरन उन्हें तारापीठ ओपी में ले गया, जहां दो सादा कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद छोड़ दिया. इस क्रम में बिहारी कह कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता रहा. मंदिर के पुजारी संतोष मुखर्जी व रजत बाबा भी इस घटना से आहत नजर आये व बताया कि हाल के दिनों में इस तरह की घटना की सूचना बार-बार मिल रही है. पीड़ित ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल, प्रधान मंत्री भारत सरकार को भी फैक्स से आवेदन भेजने की जानकारी दी.